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RSS Chief Bhagwat On Akhand Bharat : मौजूदा युवा पीढ़ी के बुजुर्ग होने से पहले ही अखंड भारत हकीकत बन जाएगा: मोहन भागवत

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के बुजुर्ग होने से पहले ही अखंड भारत हकीकत बन जाएगा. उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रध्वज के सामने पहली बार समस्या आयी तब से ही आरएसएस उसके सम्मान के साथ जुड़ा रहा है.

RSS chief Mohan Bhagwat
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 10:55 PM IST

Updated : Sep 7, 2023, 7:12 AM IST

नागपुर :राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने बुधवार को कहा कि आज की युवा पीढ़ी के बुजुर्ग होने से पहले ही अखंड भारत हकीकत बन जाएगा. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में एक विद्यार्थी के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि लेकिन वह सटीक समय नहीं बता सकते कि अखंड भारत कब अस्तित्व में आयेगा.

सरसंघचालक ने कहा, 'लेकिन यदि आप इस दिशा में काम करते रहेंगे तो आप बुजुर्ग होने से पहले इसे साकार होते हुए देखेंगे. चूंकि स्थितियां ऐसी बन रही हैं कि जो लोग भारत से अलग हुए, वे महसूस करते हैं कि उन्होंने गलती की. वे महसूस करते हैं कि हमें एक बार फिर भारत बन जाना चाहिए (उसका हिस्सा हो जाना चाहिए). वे सोचते हैं कि भारत का हिस्सा बनने के लिए उन्हें मानचित्र पर खींची गयी रेखा मिटाने की जरूरत है. भारत बनना (भारत का हिस्सा होना) भारत का स्वभाव हासिल करना है.'

जब उनसे इस दावे के बारे में पूछा गया कि आरएसएस ने 1950 से 2002 तक यहां महाल इलाके में अपने मुख्यालय में राष्ट्रध्वज नहीं फहराया तो भावगत ने कहा, 'हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को हम जहां भी होते हैं, हम राष्ट्रध्वज फहराते हैं. नागपुर में महाल और रेशमीबाग हमारे दोनों ही परिसरों में ध्वजारोहण होता है. लोगों को हमसे यह प्रश्न नहीं करना चाहिए.' उसके बाद उन्होंने एक घटना को याद करते हुए कहा कि 1933 में जलगांव के पास कांग्रेस के तेजपुर सम्मेलन के दौरान जब पंडित जवाहरलाल नेहरू 80 फुट ऊंचे खंभे पर ध्वजारोहण कर रहे थे तब झंडा बीच में फंस गया था, उस दौरान करीब 10000 की भीड़ से एक युवक आगे आया और खंभे पर चढ़कर उसने झंडे को निकाला.

भागवत के अनुसार नेहरू ने उस युवक को अगले दिन अभिनंदन के लिए सम्मेलन में आने को कहा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया क्योंकि कुछ लोगों ने नेहरू को बताया कि वह युवा आरएसएस की शाखा में जाता है. सरसंघचालक ने दावा किया कि सघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को जब इसके बारे में पता चला तो वह युवक के घर गये और उन्होंने उसकी प्रशंसा की और उस युवक का नाम किशन सिंह राजपूत था.

भागवत ने कहा, 'जब राष्ट्रध्वज के सामने पहली बार समस्या आयी तब से ही आरएसएस उसके सम्मान के साथ जुड़ा रहा है. हम इन दोनों दिन (15 अगस्त और 26 जनवरी को) राष्ट्रध्वज भी फहराते हैं..... भले ही इसे फहराया जाये या नहीं लेकिन जब राष्ट्रध्वज के सम्मान की बात आती है तो हमारे स्वयंसेवक सबसे आगे रहते हैं और अपना बलिदान भी देने को तैयार रहते हैं.'

पीटीआई-भाषा

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Last Updated : Sep 7, 2023, 7:12 AM IST

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