जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री के नए चेहरे को लेकर चल रहे घमासान के बीच कांग्रेस ऑब्जर्वर अजय माकन ने रविवार रात हुई विधायकों की अनऑफिशियल मीटिंग (congress legislature party meeting) को अनुशासनहीनता करार दिया. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्टैंड पर भी सवाल उठाए. वहीं, विधायकों से एक-एक कर बातचीत नहीं होने और कांग्रेस विधायकों की ओर से 3 शर्तों को प्रस्ताव में जोड़ने के विषय को दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने रखने की बात कही है.
मुख्यमंत्री के चयन को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सचिन पायलट का खुलकर विरोध किया है और रविवार को सीएमआर में ऑब्जर्वर के साथ रखी गई मीटिंग में भी वो नहीं पहुंचे. हालांकि बाद में विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बात रखी, जिस पर ऑब्जर्वर अजय माकन ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और वो बतौर ऑब्जर्वर जयपुर पहुंचे हैं. यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछ कर उनकी सहमति पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक रखी गई, लेकिन जो विधायक सीएमआर नहीं पहुंचे, उनसे लगातार यही कहा गया कि वो वन टू वन एक-एक विधायक की बात सुनने के लिए यहां आए हैं.
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गहलोत के स्टैंड पर उठाए सवाल- माकन ने कहा कि जो भी बात विधायक कहेंगे, उसे दिल्ली जाकर बताया जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी वन टू वन बात करने के निर्देश मिले थे, बावजूद इसके शांति धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास उनके नुमाइंदे के तौर पर उनके पास आए और तीन शर्तें रखी. विधायक प्रतिनिधियों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को पद छोड़ने का प्रस्ताव यदि पास करना है, तो इसे बेशक करें. लेकिन इसका फैसला 19 अक्टूबर के बाद होना चाहिए. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि यदि अशोक गहलोत प्रस्ताव मूव करते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष पर सब छोड़ा जा रहा है और 19 अक्टूबर के बाद यदि वो खुद अध्यक्ष बन जाएंगे तो अपने ही प्रस्ताव पर वो अपने आप को एमपावर कर रहे हैं. इससे बड़ा कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट नहीं हो सकता. ऐसा नहीं करने को लेकर समझाइश की गई, लेकिन विधायकों के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि आप इसे पब्लिकली कहें और इसे प्रस्ताव का हिस्सा बनाना पड़ेगा. बेशक प्रस्ताव आज पास हो लेकिन लेकिन 19 अक्टूबर के बाद लागू होगा.
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वहीं, विधायकों से अलग-अलग एक-एक करके बात करने के लिए जब कहा गया तो इस पर विधायकों के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि वो ग्रुप में आएंगे. इस पर उनसे समझाइश की गई कि कांग्रेस की हमेशा से प्रथा रही है कि यहां सब से एक-एक करके बात की जाती है ताकि बिना किसी दबाव के विधायक अपनी बात रख सके. इस पर भी वो रजामंद नहीं हुए और ग्रुप में आने की बात पब्लिकली कहने को कहा.