नई दिल्ली:सेना में भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना को लेकर रक्षा मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में सशस्त्र बलों ने मंगलवार को कहा कि हाल में अग्निपथ योजना पर 'विश्वसनीय' जानकारी ने इस पहल के संबंध में भ्रम को दूर कर दिया है और सैनिक बनने की तैयारी कर रहे युवा कई जगहों पर अभ्यास में जुट गए हैं. भर्ती प्रक्रिया के बारे में आशंकाओं के बीच सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी और सेना में पारंपरिक रेजिमेंट व्यवस्था जारी रहेगी.
सेना के तीनों अंगों के संवाददाता सम्मेलन में पुरी ने कहा कि यह योजना सरकार के कई विभागों के बीच विचार-विमर्श के अलावा तीनों सेवाओं और रक्षा मंत्रालय के भीतर लंबे समय तक जारी परामर्श का परिणाम है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत जरूरी सुधार है. पुरी ने कहा कि 1989 से विभिन्न समितियों ने इसी तर्ज पर सिफारिशें की थीं और सभी हितधारक अग्निपथ योजना को अंतिम रूप देने में शामिल थे.
कई स्थानों पर युवाओं द्वारा योजना के विरोध में हिंसा का सहारा लेने के मद्देनजर पुरी ने कहा कि अग्निपथ के सभी आवेदकों को शपथ पत्र देना होगा कि वे किसी भी हिंसा का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने कहा, 'सशस्त्र बलों में आगजनी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.' पुलिस सत्यापन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमेशा भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा रहा है. पुरी ने कहा कि इन वर्षों में सेना में कमांडिंग अधिकारियों का स्वरूप युवा होता गया है. उन्होंने कहा कि अब सैनिकों का भी युवा स्वरूप होगा.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अगिनपथ योजना तीन चीजों को संतुलित करती है, पहला सशस्त्र बलों के लिए युवा का प्रोफाइल, तकनीकी जानकारी और सेना में शामिल होने के अनुकूल लोग व तीसरा... व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करना. उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की सुरक्षा का मामला है. किसी ने अफवाह फैला दी कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा. यह एक फर्जी सूचना है. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि दुनिया के किसी अन्य देश में भारत के समान जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है. हमारे 50% युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं. सेना को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए.