नई दिल्ली : भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालतों के खिलाफ टिप्पणी के लिए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया है. कथित तौर पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि सीएम पुलिस के प्रभारी हैं और अधिकारियों को अदालत की अवमानना से डरने की जरूरत नहीं है. हालांकि बाद में उन्होंने साफ किया कि उनके भाषण को तोड़-मरोड़ कर गलत तरीके से पेश किया गया.
इस मामले में देब ने कहा था, मैं दृढ़ता से और स्पष्ट रूप से कहता हूं कि मैं सभी न्यायिक संस्थानों को सर्वोच्च सम्मान में रखता हूं और न्यायपालिका की महिमा को बनाए रखने के लिए बाध्य हूं. मैंने अधिकारियों को कुछ ऐसा नहीं कहा है. यहां तक कि मेरा अदालतों की अवहेलना और अनादर के लिए कोई संदेश देने का इरादा नहीं है. अदालत के आदेश जैसा कि रिपोर्ट किया गया था, मेरे शब्दों को संदर्भ से बाहर प्रकाशित किया गया है.
अवमानना शुरू करने के अनुरोध को खारिज करते हुए, AG ने कहा कि मामला त्रिपुरा उच्च न्यायालय के समक्ष भी पहुंचा था, जिसने स्वीकार किया था कि सीएम के बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था और इसलिए उन्हें अवमानना की कार्यवाही की अनुमति देने का कोई कारण नहीं मिला.