नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ कथित अपमानजनक ट्वीट करने के मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना का केस चलाने की सहमति दे दी है. पत्रकार अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत दिए जाने के बाद कामरा ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
इस मामले में श्रीरंग काटनेशवारकर ने अवमानना कार्रवाई के लिए लेटर पिटिशन भेजा था. इस पर गौर करने के बाद अटॉर्नी जनरल ने सहमति दे दी है.
उन्होंने कहा कि लोग समझते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर वह सीधे सुप्रीम कोर्ट और उसके जजों की निंदा कर सकते हैं, लेकिन लोगों को समझना होगा कि विचार अभिव्यक्ति की जो आजादी मिली हुई है उसमें वाजिब प्रतिबंध है और इसके तहत अवमानना की कार्यवाही हो सकती है. उन्होंने कहा कि लोगों को समझना होगा कि अगर सुप्रीम कोर्ट पर वह अटैक करेंगे तो उन्हें अवमानना के मामले में अदालत की अवमानना अधिनियम, 1972 के तहत सजा होगी.
अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत के बाद कुणाल कामरा ने एक के बाद एक कई विवादित ट्वीट किए थे. कामरा ने जमानत का आदेश देने वाले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था.
एजी ने दो ट्वीट किए कोट
एजी ने कामरा के दो ट्वीट कोट किए हैं, जो उन्हें आपत्तिजनक लगे. 'सम्मान ने इमारत (सुप्रीम कोर्ट) को बहुत पहले छोड़ दिया है' और 'इस देश का सर्वोच्च न्यायालय इस देश का सबसे सर्वोच्च मजाक है.' अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वे न केवल स्वाद में खराब हैं, बल्कि सम्मान और अवमानना के बीच की रेखा को पार करते हैं.
कामरा के ट्वीट में उच्चतम न्यायालय की इमारत की एक तस्वीर भी है, जिसे भगवा रंग में दिखाया गया है और इमारत पर सत्तारूढ़ पार्टी का झंडा लगा है.
उन्होंने कहा, यह उच्चतम न्यायालय पर घोर आक्षेप है कि न्यायालय स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्थान नहीं है और उसके न्यायाधीश भी नहीं, बल्कि यह सत्तारूढ़ दल भाजपा की अदालत है और भाजपा के लिए है. मेरी राय में इससे अदालत की अवमानना हुई है.