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अतीक-अशरफ की हत्या के बाद PFI ने रची थी यूपी में दंगे कराने की साजिश, ATS ने किया खुलासा - यूपी पुलिस का मीडिया सेल

पीएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठन ने अतीक और अशरफ की हत्या के बाद यूपी में दंगे कराने की साजिश रची थी लेकिन यूपी पुलिस की सोशल मीडिया सेल ने इस साजिश का पहले ही खुलासा कर दिया. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : May 10, 2023, 5:33 PM IST

Updated : May 10, 2023, 5:51 PM IST

लखनऊ: यूपी में असद एनकाउंटर और अतीक अशरफ हत्याकांड के सहारे राज्य को दंगे की आग में जलाने की साजिश रची जा रही है. इसको लेकर पीएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठन नए युवाओं को प्रति दिन पैसे देकर सोशल मीडिया में पोस्ट करवा रहा है, ताकि उन पर किसी को शक न हो. यूपी पुलिस मुख्यालय में बने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल की एक डेडीकेटेड टीम अतीक हत्याकांड के बाद से सोशल मीडिया पर 24 घंटे नजर रख रही है और इस दौरान 15 अप्रैल से अब तक 100 से अधिक ऐसे अकाउंट सामने आए है, जिसमें लगातार अतीक अहमद की हत्या को एक धर्म पर हमला बताकर पोस्ट किए जा रहे है जिसकी जानकारी एटीएस को भी दी गई थी. इसी के आधार पर छापेमारी में फरार परवेज अहमद और रईस अहमद को वाराणसी से गिरफ्तार किया गया.

सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल में 15 अप्रैल को हुई अतीक अहमद की हत्या के बाद एक डेडीकेटेड टीम बनाई गई थी जो 24 घंटे सोशल मीडिया प्लेटफार्म खासकर फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम में नजर रखी जा रही थी. इस दौरान सोशल मीडिया में कई ऐसे अकाउंट से अतीक अहमद के समर्थन में पोस्ट किए जा रहे थे, जो 15 अप्रैल के बाद ही बनाए गए थे। सूत्रों के मुताबिक, यूपी पुलिस सोशल मीडिया मुख्यालय की टीम ने इन अकाउंट्स को चिन्हित कर इनके हैंडलर की जानकारी जुटाई और उनकी डिटेल यूपी एटीएस के साथ साझा की गई थी.



यूपी एटीएस ने इन सोशल मीडिया अकाउंट्स के हैंडल से पूछताछ की तो सामने आया कि परवेज और रईस ने इन युवाओं को सोशल मीडिया में ऐसे पोस्ट करने के लिए कहा था. इसको लेकर यूपी एटीएस ने बीते दिनों राज्य के 20 जिलों में छापेमारी कर 70 लोगों को हिरासत में लिया. वहीं, वर्ष 2022 में यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में फरार परवेज अहमद और रईस अहमद को वाराणसी से गिरफ्तार किया. इन पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था.


एटीएस की पूछताछ में पीएफआई के सदस्यों ने कबूल किया कि बीते वर्ष पीएफआई के सदस्यों की हुई गिरफ्तारी के बाद अब वो यूपी में एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने कई नई भर्ती की थी. इन युवाओं को सोशल मीडिया में सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के मिशन में लगाया गया था जिसमें अतीक अहमद की हत्या को सबसे बड़ा हथियार बनाया जा रहा था. इसके लिए उन्होंने लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी में ठिकाने बना रखे थे, जहां पीएफआई की रणनीति तैयार को जाती है.



पूछताछ में सामने आया है कि परवेज और रईस बीते एक माह से राज्य के अलग अलग हिस्सों में बैठक कर युवाओं संगठन में जोड़ने के लिए रणनीति तैयार करते थे, इसके अलावा उन्हें ट्रेनिंग कैसे दी जाए. उन्हें सोशल मीडिया के उपयुक्त इस्तमाल करने की ट्रेनिंग से लेकर अपनी पहचान छिपाने के हथकंडे अपनाने पर चर्चा होती थी. इन बैठकों बकायदा युवाओं को सोशल मीडिया में कई अकाउंट्स बनाने और फिर अपने धर्म के अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ कर उनके मिशन में जोड़ने के लिए कहा जाता था. परवेज ने एजेंसी को बताया कि उनके लड़कों द्वारा सोशल मीडिया में अतीक अहमद की हत्या को शहादत बताया जा रहा था जिससे एक धर्म के लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काया जा सके. वहीं, राज्य और देश की सरकार व उसकी नीतियों को गलत बता कर उसका विरोध करने के लिए तैयार किया जा रहा था.



एटीएस के मुताबिक, पीएफआई से जुड़े नए लोगों टेक्नोक्रेट सोशल मीडिया टीम का गठन किया था. ये टीम यू-ट्यूब चैनल पर कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं की डिबेट करवाकर सरकार के खिलाफ माहौल तैयार कर ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि यूपी में मुसलमानों पर अत्याचार किया जा रहा है. एटीएस को इस बात के पुख्ता सबूत भी मिले है कि खाड़ी देशों से पीएफआई को एक बार फिर से फंडिंग को जा रही थी. इस फंड को गरीबों की पढ़ाई व बीमारी के नाम पर खर्च किया जा रहा था, जिससे पीएफआई की पहुंच हर स्तर पर हो सके.

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Last Updated : May 10, 2023, 5:51 PM IST

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