रायपुर/रांची:झारखंड में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान हल्की सी जानकारी निकली थी कि छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले को लेकर कुछ बातें कर रहे हैं. हालांकि उस समय यह बात सतही ही समझ में आई. किसी भी विश्वसनीय सूत्र ने इसकी पुष्टि नहीं की थी. मगर अब इस वारदात के बाद समझ आ रहा है कि नक्सली हमले के लिए तैयारी कर रहे थे. बस्तर के इलाके में नक्सलियों का काउंटर अफेंसिव कैंपेन चलाने की पुष्टि होती है. गौर करने लायक बात ये है कि हाल के दिनों में देश के कम से कम तीन राज्यों में नक्सलियों पर सुरक्षा बलों ने क्रैक डाउन की कार्रवाई की थी, जिसके बाद से ही नक्सली हमले की तैयारी में जुट गए थे.
5 दिन पहले नक्सली कैंप हुआ था ध्वस्त:छत्तीसगढ़ में 5 दिन पहले सुकमा में नक्सलियों के कैंप को सुरक्षाबलों ने खत्म किया था. वहां से विस्फोटक समेत नक्सली सामग्री भी बरामद किया गया था. हालांकि किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. इसके अलावा हाल ही में झारखंड में भी कई नक्सलियों की एनकाउंटर में मौत हुई थी. इसके बाद से ही माना जा रहा था की नक्सली जवाबी हमला जरूर करेंगे. जिस इलाके में यह वारदात हुई है वहां की स्थितियां नक्सलियों के लिए बेहद प्रतिकूल हैं.
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नक्सली हमले के बाद 2 ट्रेनें कैंसल: छत्तीसगढ़ में इस वारदात के बाद भारतीय रेलवे ने भी एक्शन लिया. 2 ट्रेनों को 25 और 26 अप्रैल को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया. ऐसा इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी और साथ ही किसी और वारदात को अंजाम देने की आशंका के मद्देनजर किया गया है. किरंदुल से विशाखापट्टनम जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के साथ ही एक नाइट एक्सप्रेस ट्रेन को कैंसल किया गया.
एमपी और झारखंड के नक्सली क्रैक डाउन का छत्तीसगढ़ कनेक्शन:एमपी के बालाघाट के पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ की मानें तो नक्सली छत्तीसगढ़ से बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिले में अपना विस्तार करने की कोशिश में हैं. मगर एमपी में जो हाल ही में 2 महिला नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ है इससे उन्हें बड़ी चोट पहुंची है. इससे इनके सबसे सीनियर काडर के विस्तार को धक्का लगा है. सरिता और सुनीता की मौत के बाद से ही नक्सली बौखलाए हुए हैं. पुलिस की मानें तो सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की इनकी मंशा है. छत्तीसगढ़ के घने वन क्षेत्र में ये अपना दखल बढ़ाना चाहते हैं, इसके लिए सुरक्षा बलों को निशाना बनाना इनका मकसद रहा है.