दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

टीएमसी में अपने पिता की विरासत के साथ नई भूमिका में आगे बढ़ना चाहते हैं अभिजीत मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी तृणमूल कांग्रेस में अपने पिता की विरासत के साथ नई भूमिका में आगे बढ़ना चाहते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

अभिजीत मुखर्जी
अभिजीत मुखर्जी

By

Published : Jul 6, 2021, 8:06 PM IST

कोलकाता : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी धर्मनिरपेक्ष राजनीति और सामंजस्य की राजनीति के माध्यम से भारत को बांधने के अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं. अभिजीत कांग्रेस छोड़कर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो चुके हैं.

इंजीनियर से नेता बने मुखर्जी ने कहा कि वह पूर्वी भारत के पुन: औद्योगीकरण की दिशा में काम करने में भी मदद करना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ जुड़ने के लिए यह क्षेत्र देश की 'पूर्व की ओर देखो' या 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' के लिए व्यापार गलियारा हो सकता है.

अभिजीत मुखर्जी ने एक साक्षात्कार में कहा, मैं धर्मनिरपेक्ष और समावेशी राजनीति में विश्वास करते हुए बड़ा हुआ हूं, जिसमें मेरे पिता, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस नेताओं की उस पीढ़ी के अन्य लोग विश्वास करते थे. मैं उनके कद तक नहीं पहुंच सकता लेकिन मुझे लगता है कि हमारे लिय यह सार्वजनिक जीवन में रुख अपनाने और धर्मनिरपेक्ष भारत की अवधारणा का समर्थन करने के लिए एकजुट होने का समय है.

अपने पिता के गढ़ जंगीपुर से दो बार लोकसभा सांसद रहे मुखर्जी ने कहा कि वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए क्योंकि उन्होंने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है. मुखर्जी ने कहा, टीएमसी ने राष्ट्रीय राजनीति में आम सहमति बनाने के लिए भी काम किया है, जिसके लिए मेरे पिता अपने राजनीतिक जीवन के दौरान और बाद में राष्ट्रपति के रूप में जाने जाते थे.

पढ़ें :-प्रणब मुखर्जी के बेटे ने थामा टीएमसी का दामन, बहन शर्मिष्ठा बोलीं- SAD

यादवपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र ने कहा कहा, मैं वैचारिक रूप से समावेशी विकास की अवधारणा में भी विश्वास करता हूं, जो आर्थिक विकास की योजना बनाते समय खड़े अंतिम व्यक्ति का ख्याल रखता है, न कि केवल समृद्ध उद्योगपतियों का. साथ ही कहा कि ममता दीदी भी उसी विरासत में भरोसा रखती हैं.

राजनीति से परे अपनी योजनाओं के बारे में मुखर्जी ने कहा कि वह अपने पिता के नाम पर एक थिंक टैंक बनाना चाहते हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में काम करेगा और पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंधों को बढ़ावा देगा.

उन्होंने कहा, मेरे पिता ने अन्य नेताओं के साथ बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंधों की दिशा में काम किया. बांग्लादेश इस साल 50 वां वर्षगांठ मना रहा है. उन्होंने अफगानिस्तान में जरांज राजमार्ग के निर्माण में, म्यांमार के साथ संबंधों को फिर से शुरू करने में योगदान दिया.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details