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मणिपुर में रेलवे निर्माण स्थल के पास भूस्खलन में आठ लोगों की मौत, कई लोग लापता

मणिपुर में भारी बारिश की वजह से भूस्खलन की चपेट में 107 टेरिटोरियल आर्मी का कैंप आया, जो टुपुल रेलवे स्टेशन के पास था. हादसे के बाद 13 लोगों को बचा लिया गया है और मलबे से अब तक सात शव निकाले गए हैं. कई लोग अब भी लापता हैं.

Territorial Army camp hit by landslide
भूस्खलन की चपेट में आया टेरिटोरियल आर्मी का कैंप

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Published : Jun 30, 2022, 2:30 PM IST

Updated : Jun 30, 2022, 11:00 PM IST

इंफाल :पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कई दिनों से हो रही बारिश आफत बनकर आई है. जिससे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. राज्य के नोनी जिले में भीषण भूस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में 107 टेरिटोरियल आर्मी का कैंप आया, जो टुपुल रेलवे स्टेशन के पास था. भीषण भूस्खलन में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग लापता हो गए हैं, जिसमें सेना के जवान भी शामिल है.

अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना बुधवार रात टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में हुई. उन्होंने बताया कि सात लोगों के शवों को निकाल लिया गया है और कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. बचाव अभियान जारी है. भूस्खलन के कारण बड़े पैमाने पर मलबे ने इजेई नदी को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे एक जलाशय बन गया है, जो निचले इलाकों को जलमग्न कर सकता है.

भूस्खलन की चपेट में आया टेरिटोरियल आर्मी का कैंप

इससे पहले, नोनी जिले के उपायुक्त द्वारा जारी एक परामर्श में कहा गया है, टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में भूस्खलन के कारण हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है और कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. भूस्खलन के कारण बड़े पैमाने पर मलबे ने इजेई नदी को अवरुद्ध कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप एक जलाशय बन गया है, जो नोनी जिला मुख्यालय के निचले इलाकों को जलमग्न कर सकता है. प्रशासन ने इन इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है. कई स्थानों पर सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग-37 की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है.

पीएम मोदी ने भूस्खलन से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की
इस हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात की और राज्य के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हुए भीषण भूस्खलन से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की. मोदी ने कहा, 'मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से बात की और दुखद भूस्खलन से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की। केंद्र से हरसंभव मदद का उन्हें आश्वासन दिया. मैं इससे प्रभावित सभी लोगों के सुरक्षित होने की कामना करता हूं. शोकाकुल परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.'

अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की है. अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम भूस्खलन वाली जगह पर पहुंच गई है, जबकि दो और टीम जल्द ही पहुंच जाएंगी. केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया, मणिपुर में टुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुए भूस्खलन के मद्देनजर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की. बचाव कार्य जोरों पर है. एनडीआरएफ की एक टीम पहले ही मौके पर पहुंच गई है और बचाव कार्य में जुट गई है. एनडीआरएफ की दो और टीम जल्द ही टुपुल पहुंच जाएंगी.

मणिपुर के राज्यपाल एल गणेशन ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है. वहीं, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए एक आपात बैठक बुलाई है. एन बीरेन सिंह ने ट्वीट किया, टुपुल में हुई भूस्खलन की घटना का आकलन करने के लिए आज एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई. खोज और बचाव अभियान पहले से ही चल रहा है. मृतकों और लापता लोगों के लिए प्रार्थना करें. बचाव अभियान में सहायता के लिए डॉक्टरों के साथ एम्बुलेंस भी भेजी गई हैं.

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मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजन को एक लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 मुआवजा राशि देने की घोषणा की है. मणिपुर के राज्यपाल एल गणेशन ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर हादसे में लोगों की मौत पर शोक जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.

पांच नागरिकों एवं 13 सैनिकों को बचाया गया : सेना
भूस्खलन प्रभावित रेलवे निर्माण स्थल पर अबतक प्रादेशिक सेना के 13 सैनिकों एवं पांच आम नागरिकों को बचाया गया है. एक बयान में सेना ने कहा कि असम राइफल्स और प्रादेशिक सेना के जवानों ने खराब मौसम के बावजूद टुपुल रेलवे स्टेशन के आम क्षेत्र में दिनभर बचाव अभियान चलाया. उसने एक बयान में कहा, "नागरिक प्रशासन ने इजेई नदी के निचले हिस्से में रह रहे लोगों को एहतियात बरतने तथा भूस्खलन के कारण नदी पर बने बांध के टूट जाने की आशंका से वहां से चले जाने की हिदायत दी है." उन्होंने कहा कि रात में तलाशी अभियान जारी रहेगा. उस जगह पहुंचने एवं बचाव प्रयासों में मदद करने के लिए बुलडोजर समेत इंजीनियिरिंग उपकरण लगाये गये हैं.

बयान में कहा गया है, "भारतीय रेलवे, नागरिक प्रशासन, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) के दल तथा नोनी जिले के स्थानीय लोग तलाशी अभियान में बढ़चढ़कर भाग ले रहे हैं. अबतक प्रादेशक सेना के 13 सैनिकों एवं पांच आम नागरिकों को बचाया गया है जबकि सात सैनिकों एवं एक आम नागरिक के शव बरामद किये गये हैं."

दो और टीमें बचाव कार्य के लिए भेजी गईं : एनडीआरएफ
नोनी जिले में बचाव कार्य के लिए अपनी दो टीमों को भेजी गई हैं, जहां पर भूस्खलन से अब तक आठ लोगों की जान जा चुकी है, वहीं अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि यह हादसा तुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में बुधवार की रात हुआ.

Last Updated : Jun 30, 2022, 11:00 PM IST

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