हैदराबाद : जिस प. बंगाल में वाम पार्टियों की तूती बोला करती थी, जहां 34 साल तक लगातार शासन किया, आज उसका नामोनिशान मिटता हुआ नजर आ रहा है. रूझानों की बात करें, तो वाम गठबंधन को मात्र दो सीटें मिलती हुई दिख रहीं हैं. 2006 में इसी गठबंधन को 176 सीटें मिली थीं. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लेफ्ट ने इस बार अकेले चुनाव नहीं लड़ा था, उसने कांग्रेस को अपना साथी बनाया. इंडियन सेक्युलर फ्रंट से समझौता किया. फिर भी उन्हें कहीं भी सफलता हासिल नहीं हुई. यह बताता है कि लेफ्ट पार्टी, उनके सिद्धान्त और उनकी नीतियां आज की जमीनी राजनीति से कितने कटे हुए हैं. कहने के लिए लेफ्ट के नेता जरूर ये कह रहे हैं कि उन्होंने केरल में लगातार सत्ता में वापसी की है. लेकिन यह तो दिल को बहलाने जैसी बात होगी.
वाम दलों ने प. बंगाल में 1972-2006 तक लगातार राज्य में अपनी सरकार बनाई.