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प. बंगाल : वाम गठबंधन के 'बुरे दिन'

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Published : May 2, 2021, 5:02 PM IST

पश्चिम बंगाल में वाम गठबंधन लगातार 34 सालों तक शासन में रहा. लेकिन आज वह कहीं नजर नहीं आ रहा है. वाम दलों ने इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन किया, उसके बावजूद उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई. 1967 से लेकर आज तक इनकी कैसी स्थिति रही, आइए इस पर एक नजर डालते हैं.

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कॉन्सेप्ट फोटो

हैदराबाद : जिस प. बंगाल में वाम पार्टियों की तूती बोला करती थी, जहां 34 साल तक लगातार शासन किया, आज उसका नामोनिशान मिटता हुआ नजर आ रहा है. रूझानों की बात करें, तो वाम गठबंधन को मात्र दो सीटें मिलती हुई दिख रहीं हैं. 2006 में इसी गठबंधन को 176 सीटें मिली थीं. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लेफ्ट ने इस बार अकेले चुनाव नहीं लड़ा था, उसने कांग्रेस को अपना साथी बनाया. इंडियन सेक्युलर फ्रंट से समझौता किया. फिर भी उन्हें कहीं भी सफलता हासिल नहीं हुई. यह बताता है कि लेफ्ट पार्टी, उनके सिद्धान्त और उनकी नीतियां आज की जमीनी राजनीति से कितने कटे हुए हैं. कहने के लिए लेफ्ट के नेता जरूर ये कह रहे हैं कि उन्होंने केरल में लगातार सत्ता में वापसी की है. लेकिन यह तो दिल को बहलाने जैसी बात होगी.

वाम दलों ने प. बंगाल में 1972-2006 तक लगातार राज्य में अपनी सरकार बनाई.

वाम समर्थक

2011 में 34 सालों बाद वाम दलों की सरकार चली गई. ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी ने राज्य में सरकार बनाई. उसके बाद लेफ्ट कभी संभल नहीं सका. एक नजर.

साल कितनी सीटों पर चुनाव लड़े जीत प्रतिशत किसकी बनी सरकार
1967 135 43 18.11

यूनाइटेड फ्रंट

1969 97 80 19.97
1971 241 113 32.86
1972 208 14 27.45 कांग्रेस
1977 224 178 35.46

वाम गठबंधन

1982 209 174 38.49
1987 213 187 36.30
1991 213 189 36.87
1996 217 157 37.92
2001 211 143 36.59
2006 212 176 37.13
2011 213 40 30.08 टीएमसी
2016 148 26 20.05 टीएमसी
2021 177 02 टीएमसी

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