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MSME shut down : महामारी के कारण 9 फीसद उद्योग बंद, 2020 में 11,716 आत्महत्याएं

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Published : Dec 16, 2021, 7:43 PM IST

केंद्र सरकार ने कहा है कि देश के लघु, मध्यम और मझोले उद्योगों (MSME) पर कोरोना महामारी (COVID-19) की गंभीर मार पड़ी है. सरकार ने बताया है कि कोरोना महामारी के कारण 9 प्रतिशत एमएसएमई बंद (MSME shut down) हो गए. कांग्रेस ने कहा कि एमएसएमई बंद होने के पीछे कोरोना महामारी के अलावा सरकार की खराब आर्थिक नीतियां भी हैं.

narayan rane supriya shrinate
नारायण राणे सुप्रिया श्रीनेत

नई दिल्ली :संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) में सरकार ने बताया है कि COVID-19 के कारण 9 प्रतिशत MSME बंद हो गए हैं. गुरुवार को लोक सभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Narayan Rane reply Rahul gandhi MSME shut down) के सवाल पर यह लिखित जवाब दिया.

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane MSME shut down) ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले साल अगस्त में 32 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में लगभग 5,744 एमएसएमई को कवर करते हुए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में पाया गया कि उनमें से 91 प्रतिशत काम कर रहे थे जबकि 9 प्रतिशत COVID-19 प्रभाव के कारण बंद हो गए.

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का बयान

राहुल गांधी ने अपने प्रश्न में एमएसएमई मालिकों की आत्महत्याओं (MSME owner Suicide) की संख्या में वृद्धि के बारे में भी पूछा था. इस पर राणे ने उत्तर दिया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, 2019 में कुल 9,052 एमएसएमई मालिकों ने आत्महत्या की. जबकि 2020 में आत्महत्या की संख्या बढ़कर 11,716 पहुंच गई.

कांग्रेस ने केंद्र के इस जवाब पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (supriya shrinate) ने कहा, 'कोविड-19 से पहले व्यवसायों और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जिस तरह का क्षरण हुआ है, उसे देखना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि सरकार को यह याद दिलाना महत्वपूर्ण है कि हमारी अर्थव्यवस्था कोविड-19 से पहले ही आधी रह गई थी. एमएसएमई केवल कोविड-19 के कारण बंद नहीं हुए हैं. यह सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन, उनकी गलत प्राथमिकताओं का नतीजा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई पर कोई ध्यान नहीं दिया.

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सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, एमएसएमई किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. उनका पालन-पोषण नहीं हुआ है, उनकी अनदेखी की गई है. इस सरकार के कार्यकाल में केवल 2-3 बड़े व्यवसाय ही फल-फूल रहे हैं. एमएसएमई पर पड़ी मार सरकार की गलत नीतियों के प्रत्यक्ष परिणाम हैं.

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