हैदराबाद : यहां तीन साल के एक बच्चे को 'जीन' से संबंधित एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी होने पर लगभग 65,000 लोगों ने जीन उपचार मुहैया कराने के लिए उसकी सहायता की.
शहर के एक निजी अस्पताल में अयांश गुप्ता को बुधवार को दुनिया की सबसे महंगी दवा 'जोलगेंसमा' दी गई जिसे दान के पैसों से अमेरिका से मंगवाया गया था.
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित है बच्चा
बच्चा जब एक साल का था तब उसे 'स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी' नामक बीमारी होने का पता चला. अयांश के पिता योगेश गुप्ता यहां एक निजी कंपनी में काम करते हैं.
उन्होंने कहा, 'यह एक अत्यंत दुर्लभ बीमारी है जिससे मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है. इससे बच्चा अपने हाथ पैर नहीं हिला सकता, बैठ नहीं सकता, खड़ा नहीं हो सकता और चल भी नहीं सकता. खाना खाने में भी दिक्कत होती है.'
16 करोड़ रुपये जुटाने थे
गुप्ता ने कहा कि यह बीमारी जानलेवा भी है और डॉक्टरों ने कहा था कि उनका बच्चा तीन से चार साल से अधिक समय तक जीवित नहीं रहेगा इसलिए उसे समय पर इलाज की जरूरत है. दवा की एक खुराक के लिए 16 करोड़ रुपये एकत्र करना पहले तो असंभव प्रतीत हुआ लेकिन बाद में बच्चे के माता पिता ने सोशल मीडिया पर अपील करने का निर्णय लिया.
फरवरी में शुरू किया था अभियान
इस साल फरवरी में उन्होंने अपने बच्चे का जीवन बचाने के लिए चंदा एकत्र करने का अभियान चलाया जिसमें उनके दोस्तों और परिवार वालों ने भी सहायता की. उपचार के लिए उन्होंने तीन महीने में पर्याप्त धन जुटा लिया. विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, अनिल कपूर, अजय देवगन और टीवी उद्योग की कई हस्तियों ने आगे आकर दान दिया.
छह करोड़ रुपये सरकार ने किए माफ