नई दिल्ली : कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही कलह को खत्म करने के मकसद से गठित पार्टी की तीन सदस्यीय समिति के साथ आज अन्य नेताओं की बातचीत जारी है.
बैठक के लिए विधायक सुनील दत्ती, अमित लिए, दर्शन लाल, काका राजिंदर सिंह पहुंचे. वहीं, संतोख सिंह, बलविंदर सिंह लाडी, फताहजंग बाजवा, कुलदीप वेध, कुशलदीप सिंह ढिल्लो, कुलबीर जीरा, अंगद सैनी, सुरजीत धीमान विधायक, बलबीर सिंह सिधु, लखबीर सिंह ,गुरप्रीत सिंह जीपी, सुखपाल भुल्लर भी मीटिंग में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं.
इसी बीच फ़तह जंग बजवा का बयान आया है. उन्होंने कहा, पार्टी में सब ठीक है. सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आश्वासन दिया है की आने वाले समय में सब ठीक होगा.
नौकरी के मसले पर पूछे जाने पर भड़कते हुए फ़तह जंग बाजवा ने कहा कि सब राजनीतिक षड्यंत्र है.
बता दें कि, कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही कलह को खत्म करने के मकसद से गठित पार्टी की तीन सदस्यीय समिति से मुलाकात करने के बाद राज्य के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कहा कि सत्य प्रताड़ित हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष अपनी बात रखने के बाद सिद्धू ने संवाददाताओं से कहा, आलाकमान के बुलावे पर आया था. उन्होंने पार्टी के बारे में जो पूछा उस बारे में उन्हें सजग कर दिया.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, मेरा रुख था, है और रहेगा कि पंजाब के लोगों की ताकत जो सरकार के पास जाती है वह लोगों के वापस आनी चाहिए...सत्य प्रताड़ित हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता.
सिद्धू ने कहा, पंजाब के हक की आवाज मैंने आलाकमान को बताई. जीतेगा पंजाब, जीतेगी पंजाबियत और जीतेगा हर पंजाबी.
इस समिति ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर उनकी राय सुनी थी.
खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह औरपूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहे वाकयुद्ध के बीच पार्टी की राज्य इकाई के नेताओं के मतभेद को दूर करने के लिए शुक्रवार को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस समिति का प्रमुख बनाया गया है. कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं..
गौरतलब है कि हाल के कुछ हफ्तों में अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
पार्टी नेताओं के एक धड़े ने वर्ष 2015 में फरीदकोट के कोटकपुरा में बेअदबी मामले के बाद हुई गोलीबारी की घटना में की गई कार्रवाई को लेकर असंतोष जाहिर किया था, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की तीन सदस्यीय समिति गठित की थी.
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने कोटकपुरा गोलीबारी मामले में जांच रद्द किए जाने के बाद सिद्धू लगातार इस मामले से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की आलोचना कर रहे हैं.
इस समिति ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर उनकी राय सुनी थी.
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी बृहस्पतिवार या शुक्रवार को समिति से मुलाकात कर सकते हैं.