लखनऊ :उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के एक परिवार के 26 लोगों ने कोरोना महामारी को हराकर दूसरों के लिए मिसाल पेश की है. अप्रैल महीने की शुरुआत से इस परिवार में एक-एक करके 26 लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे. फिर सभी ने संकट की इस घड़ी में एक दूसरे का साथ दिया, जिसका नतीजा है कि परिवार के छोटे बच्चे से लेकर 85 साल के एक किडनी पर जीवन बीता रहे बुजुर्ग भी कोरोना से ठीक हो गए.
इस परिवार ने कोविड गाइडलाइंस और संयमित जीवन, पौष्टिक खान-पान के साथ योग के जरिए कोरोना को हराया. अब परिवार का हर सदस्य स्वस्थ है.
साउथ मलाका में 85 वर्षीय राघवेंद्र प्रसाद मिश्रा अपने 8 बेटों और उनके परिवारों के साथ रहते हैं. अप्रैल महीने की शुरुआत के साथ ही उनके घर में कोरोना ने दस्तक दे दी थी. जिसके बाद एक-एक करके परिवार के 26 लोग महामारी की चपेट में आते गए.
उस वक्त मोहल्ले के लोग भी इनके घर के पास से गुजरने से डरने लगे थे, लेकिन इस परिवार की एकता और नियम, संयम के पालन, दवा और इलाज की बेहतर व्यवस्था ने इस परिवार के सभी सदस्यों को महामारी से सुरक्षित बचा लिया है.
एक किडनी पर जीवन गुजार रहे राघवेन्द्र प्रसाद
परिवार के मुखिया राघवेन्द्र प्रसाद मिश्रा ने 2012 में अपनी एक किडनी अपने बेटे को दे दी थी. इसके बाद वो एक किडनी के सहारे ही जीवन गुजार रहे हैं. ऐसे में जब 12 अप्रैल को उनको बुखार आने के बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उनका पूरा परिवार घबरा गया.
तब राघवेन्द्र ने अपने सभी बेटे और बहुओं का हौसला बढ़ाया. उन्होंने सभी को बुलाकर कहा कि तुम लोग घबराओ नहीं, मैं जल्दी ठीक हो जाऊंगा.
उसके बाद उन्होंने उम्र के इस पड़ाव में भी योग और व्यायाम करने के साथ ही खानपान का पूरा ध्यान दिया. जिसका नतीजा है कि एक किडनी होने के बावजूद उन्होंने बुलंद हौसलों की बदौलत महामारी को मात दी.