मुंबई : कोरोना वायरस महामारी (corona pandemic) की अप्रैल-मई में आई विनाशकारी दूसरी लहर ( second wave) से उत्पादन के संदर्भ में देश को 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. रिजर्व बैंक के अधिकारियों के एक लेख में यह कहा गया है.
इसमें कहा गया है कि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के बाद इस बार दूसरी लहर की रोकथाम के लिये राज्यों के स्तर पर लगाये गये लॉकडाउन की वजह से असर मुख्य रूप से घरेलू मांग के संदर्भ में रहा.
आरबीआई की मासिक पत्रिका में प्रकाशित अर्थव्यवस्था की स्थिति पर केंद्रीय बैंक के अधिकारियों के लेख में कहा गया है, इसीलिए दूसरी लहर के कारण 2 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन का नुकसान हुआ है.
इसके अलावा, इस लहर का असर छोटे शहरों और गांवों पर भी पड़ा. इससे ग्रामीण मांग पर प्रतिकूल असर पड़ा. सरकारी खर्च से पिछले साल जो असाधारण तेजी देखने को मिली थी, इस बार स्थिति वैसी रहने की संभावना नहीं है.
लेख में कहा गया है, अच्छी बात यह है कि आपूर्ति स्थिति से जुड़े कई मामलों में स्थिति बेहतर है. इसमें कृषि और संपर्क रहित सेवाएं (डिजिटल सेवाएं) शामिल हैं जो, महामारी के बीच अपना काम पहले की तरह कर रही हैं. वहीं औद्योगिक उत्पादन और निर्यात बढ़ा है.