कन्नूर (केरल):केरल के कन्नूर के स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) के मरीज डेढ़ वर्षीय बच्चे मोहम्मद को इलाज के लिए 18 करोड़ रुपये की पूरी राशि मिल चुकी है. मट्टूल पंचायत अध्यक्ष फरिशा ने मीडिया को बताया कि अब तक लोगों से 18 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं. अब विदेश से दवा मंगवाई जाएगी.
बताते चलें कि एक हफ्ते पहले इस बीमारी से मोहम्मद के पीड़ित होने की खबर मीडिया में आने के बाद लोगों ने उसके इलाज के लिए मदद करनी शुरू की. मोहम्मद की बहन अफरा भी इसी बीमारी से पीड़ित है. अफराह की समस्या का पता देर से चला, जिसके कारण उसे अपना पूरा जीवन व्हीलचेयर पर बिताना पड़ा.
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जब मोहम्मद के इस बीमारी से ग्रसित होने की जानकारी हुई तो डॉक्टरों ने मोहम्मद के परिवार वालों को इस बीमारी में कारगर दुनिया की सबसे महंगी दवा 'ज़ोलगेन्स्मा' के बारे में बताया. अब परिजन दवा मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
जानें बीमारी के बारे में
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक आनुवंशिक रोग है, जिसमें इस बीमारी का जीन शरीर में तंत्रिका तंत्र के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक प्रोटीन के निर्माण को बाधित कर देता है.
इस वजह से तंत्रिका तंत्र नष्ट हो जाता है और पीड़ित की मौत हो जाती है. दरअसल, यह मांसपेशियों को खराब कर देने वाली एक दुर्लभ बीमारी है. जब यह बीमारी गंभीर हो जाती है तो बच्चों के दो साल के होने से पहले ही उनकी मौत हो जाती है.