नई दिल्ली/दावोस: कोरोना वायरस महामारी (corona virus epidemic ) के पहले दो साल में दुनिया में 99 प्रतिशत लोगों की आमदनी में गिरावट आई है और 16 करोड़ से अधिक लोग 'गरीब' की श्रेणी में आ गए हैं. वही दूसरी तरफ महामारी काल में दुनिया के दस सबसे अमीर व्यक्तियों की संपत्ति प्रतिदिन 1.3 अरब डॉलर (9,000 करोड़ रुपये) की दर से बढ़कर 1,500 अरब डॉलर (111 लाख करोड़ रुपये से अधिक) पर पहुंच गई.
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ऑनलाइन दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन (Online Davos Agenda Summit ) के पहले दिन जारी अपनी रिपोर्ट 'इनइक्वलिटी किल्स' में ऑक्सफैम इंटरनेशनल (Oxfam International ) ने कहा कि असमानता की वजह से प्रतिदिन कम से कम 21,000 लोग या प्रति चार सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है. इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य देखभाल, लिंग आधारित हिंसा, भूख और जलवायु की वजह से वैश्विक स्तर पर होने वाली मौतों पर निष्कर्ष निकाला गया है. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के दस सबसे धनी व्यक्तियों की संपत्ति महामारी के पहले दो वर्षों के दौरान 15,000 डॉलर प्रति सेकंड की दर से बढ़ी है. यदि ये दस व्यक्ति अपनी संपत्ति का 99.999 प्रतिशत गंवा भी देते हैं, तो भी वे दुनिया के 99 प्रतिशत लोगों से ज्यादा अमीर रहेंगे.
ऑक्सफैम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बूचर ने कहा, 'दुनिया के शीर्ष दस अमीरों के पास सबसे गरीब 3.1 अरब लोगों की तुलना में छह गुना अधिक संपत्ति है.' ऑक्सफैम इंटरनेशनल के अनुसार, अरबपतियों की संपत्ति पिछले 14 साल की तुलना में महामारी के पिछले दो साल में सबसे तेजी से बढ़ी है. वही दुनिया के दस सबसे धनी व्यक्तियों की महामारी के दौरान हुई अप्रत्याशित कमाई पर एकमुश्त 99 प्रतिशत कर पूरे विश्व के लोगों को कोरोना रोकथाम के पर्याप्त टीके, सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर सकता है.