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14 केंद्रीय विभाग और पांच राज्य अगले महीने सिंगल विंडो सिस्टम से जुड़ेंगे: गोयल - भारतीय उद्योग परिसंघ

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (commerce and industry Piyush Goyal) ने कहा है कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर देश में कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार के 14 विभाग और पांच नए राज्य अगले महीने केंद्र द्वारा विकसित राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली पोर्टल में शामिल होंगे. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट...

Piyush Goyal
पीयूष गोयल (फाइल फोटो)

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Published : Nov 28, 2021, 12:52 AM IST

नई दिल्ली :वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (commerce and industry Piyush Goyal) ने कहा है कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर देश में कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि अनुपालन की 'बोझिल' लाइसेंसिंग और नवीकरण की प्रक्रिया को हटाने के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश में व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के 14 विभाग और पांच नए राज्य केंद्र द्वारा विकसित राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली पोर्टल में शामिल होंगे.

गोयल ने शनिवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के आत्मनिर्भर भारत के लिए कारोबार सुगमता पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार इस पर नहीं रुकेगी क्योंकि उसके पास राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली को और विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना है. उन्होंने कहा कि इस साल सितंबर में, केंद्र ने भारत में एक व्यवसाय या कारखाना शुरू करने के लिए व्यवसायों और उद्योग द्वारा आवश्यक अधिकांश अनुमोदन और मंजूरी के लिए स्रोत के एकल बिंदु के रूप में एक राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली शुरू की थी. पोर्टल में सभी आवश्यक अनुमोदन, सामान्य पंजीकरण फॉर्म, दस्तावेज़ भंडार के सभी विवरण हैं और लॉन्च के दो महीने में इसने 18 केंद्रीय विभागों और 9 राज्यों को जोड़ा है.

एक लाख हेक्टेयर से अधिक औद्योगिक भूमि उपलब्ध

मंत्री ने बताया कि पिछले साल अगस्त में सरकार द्वारा लॉन्च किया गया इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक उन विदेशी कंपनियों की मदद करता है जो देश में उपयुक्त जमीन खोजने के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को चीन से बाहर स्थानांतरित करना चाह रही थीं, उन्हें पहले ही एकीकृत कर दिया गया है.

गोयल ने कहा कि अब औद्योगिक भूमि बैंक डेटा बेस में विभिन्न राज्यों में स्थित 4,000 से अधिक औद्योगिक पार्कों का विवरण शामिल है, जिनका क्षेत्रफल 5,50,000 हेक्टेयर से अधिक है.गोयल ने उद्योग जगत के नेताओं और निवेशकों से कहा, 'आपको आश्चर्य होगा, देश भर में उद्योग के लिए, व्यापार के लिए एक लाख हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है.' देश में कारोबार करना आसान बनाने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बात करते हुए गोयल ने कहा कि सरकार ने वास्तविक समय के डैशबोर्ड के माध्यम से कैबिनेट सचिव द्वारा परियोजनाओं की प्रत्यक्ष निगरानी के लिए एक नियामक अनुपालन पोर्टल भी बनाया है.

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उन्होंने कहा, 'राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अनावश्यक लाइसेंस, अनुमति, नवीनीकरण के युक्तिकरण, स्व-विनियमन और स्व-प्रमाणन को हटाकर बोझिल अनुपालन को समाप्त कर दिया है.'गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट सहयोगियों से कहा है कि कारोबार सुगमता के मामले में भारत को शीर्ष 25 देशों में ले जाने के लिए प्रयास करें.मंत्री ने कहा कि यह आसान काम नहीं है क्योंकि इन 50 में से 40 देश उन्नत अर्थव्यवस्था वाले हैं लेकिन सरकार इसे हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है.

केंद्र और राज्यों का संयुक्त प्रयास

गोयल ने कहा, 'हम राज्यों के साथ मिलकर अनुपालन के 'थकाऊ' बोझ को कम करने का प्रयास कर रहे हैं. हमारा प्रयास लाइसेंसिंग, नियामकीय और मंजूरियों की जरूरतों को कम करने और नवीकरण की प्रक्रिया को सुसंगत बनाने का है. आगे चलकर स्व-नियमन और स्व-प्रमाणन एक जरूरत बनने जा रहा है. वाणिज्यिक विवादों के तेजी से निपटान पर गोयल ने कहा कि हम मध्यस्थता को एक पसंदीदा व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे हर कोई अदालतों का रुख नहीं करे.

उन्होंने कहा कि सीआईआई के सदस्य कुछ शीर्ष वकीलों की सेवाएं ले सकते हैं और सरकार को यह समझ बनाने में मदद कर सकते हैं कि भारतीय प्रणाली के लिए क्या व्यावहारिक है. उन्होंने कहा, 'कुछ नीतिगत बदलावों, ढांचागत बदलावों की जरूरत हो सकती है, कानून में कुछ संशोधनों की जरूरत हो सकती है, लेकिन कुछ चीजें मेरे नियंत्रण से बाहर है. इनमें रिट याचिकाएं शामिल हैं.' मंत्री ने उद्योग से आग्रह किया कि वे नियामकीय अनुपालन पोर्टल और औद्योगिक लैंड बैंक पोर्टल पर जाएं और अपने सुझाव सरकार को दें. उन्होंने कहा, 'हम उचित कीमत पर औद्योगिक जमीन की तलाश कर रहे हैं. स्व-नियमन निश्चित रूप से नियम होना चाहिए. मैं उद्योग से कहूंगा कि वे पारदर्शिता और स्व-नियमन के लिए अपने सुझाव दें.'

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