प्रयागराजःबाहुबली माफिया अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ की हत्या के मामले में पुलिस की तरफ से चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.पुलिस की तरफ से दाखिल की गयी चार्जशीट में तीनों शूटरों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है. पुलिस की तरफ से दाखिल चार्जशीट में तीनों शूटरों को आरोपी बनाया गया है.
सूत्रों के मुताबिक माफिया अतीक अशरफ की हत्या के करने वालों तीनों आरोपियों के खिलाफ 12 सौ पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गयी है. 15 अप्रैल को माफिया अतीक और अशरफ की अस्पताल परिसर में पुलिस की अभिरक्षा में हत्या कर दी गयी थी. वारदात के 90 दिन के भीतर आरोपियों के खिलाफ पुलिस को चार्जशीट दाखिल करनी थी. पुलिस की तरफ से 90 दिन पूरे होने से ठीक एक दिन पहले आरोपियों के खिलाफ विस्तृत चार्जशीट दाखिल कर दी गयी है. पुलिस की तरफ से गठित तीन सदस्यीय एसआईटी माफिया बंधुओं की हत्या के मामले की जांच कर रही थी. एसआईटी की तरफ से ही जांच करके कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गयी है.
प्रयागराज पुलिस की तीन सदस्यीय एसआईटी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या की जांच कर रही है. एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र की अध्यक्षता में गठित टीम में एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश शामिल हैं. तेज तर्रार अफसरों की इसी टीम ने माफिया अतीक अशरफ हत्याकांड से जुड़ी चार्जशीट तैयार करके तय समय के अंदर प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में दाखिल कर दी है. बताया जा रहा है कि कोर्ट में दाखिल की गयी अतीक अशरफ की हत्या से जुड़ी चार्जशीट 12 सौ पन्नों से अधिक है और उसी में 56 पन्नों का आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र भी है.
15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ की उस वक्त गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गयी थी जब उनको मेडिकल के लिए मोती लाल नेहरू कॉल्विन अस्पताल में ले जाया जा रहा था. पुलिस जीप से उतरकर अस्पताल गेट के अंदर घुसते ही मीडिया के भेष में मौजूद हमलवारों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके अतीक अशरफ को मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद पुलिस ने मौके से तीनों शूटर लवलेश तिवारी,अरुण मौर्या और सनी सिंह को गिरफ्तार कर लिया था.जिसके बाद घटना की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने मामले की जांच के लिए एडीसीपी क्राइम की अगुवाई में तीन सदस्यों वाली एसआईटी गठित कर दी जिसने घटना की जांच कर चार्जशीट दाखिल कर दी है.
प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं विदेशी पिस्टल से हत्या करने वाले शूटर
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों शूटरों की जान का खतरा देखते हुए उन्हें प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल से प्रतापगढ़ जिला जेल भेज दिया गया है जहां पर अभी तीनों शूटर बंद हैं. शूटर लवलेश तिवारी, शनि सिंह और अरुण मौर्या के पास पुलिस को दो विदेशी पिस्टल और एक कंट्रीमेड पिस्टल बरामद हुई थी. इसमें तुर्की में बनी जिगाना और गिरसान पिस्टल की कीमत लाखों रुपये में हैं. इन्ही तीनों पिस्टल से 28 राउंड फायरिंग करके माफिया बंधुओं को मौत के घाट उतारा गया था.
शूटरों ने कहा डॉन बनने के लिए की थी अतीक अशरफ की हत्या
पुलिस की चार्जशीट में बताया गया है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया था.साथ ही चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र है कि पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया था कि वो जुर्म की दुनिया मे बड़ा नाम कमाना चाहते थे और उन्हें अतीक अशरफ के जैसा ही बड़ा माफिया बनना था. जल्दी से बड़ा माफिया बनने के लिए ही उन्होंने अतीक और अशरफ को मारने की योजना बनायी और उसको अंजाम भी दे दिया. पुलिस की तरफ से दाखिल चार्जशीट में बताया गया है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद जिस तरह से वह खबर मीडिया में सुर्खियां बनी हुई थी, उसी को देख कर इन तीनों शूटरों ने भी जुर्म की दुनिया में जल्दी से नाम कमाने के लिए माफिया बंधुओं की हत्या करने की योजना बनाई.
मीडिया की खबरों से ले रहे माफिया बंधुओं की जानकारी
सूत्रों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया गया है कि तीनों शूटर टीवी पर चल रही लाइव न्यूज और अखबारों से मिली जानकारी के आधार पर प्लानिंग कर रहे थे.साथ ही तीनों शूटरों ने मौके पर पहले से पहुंचकर अतीक अशरफ के आने का इंतज़ार किया था. मीडिया के जरिये अतीक अशरफ के से जुड़ी पल पल की जानकारी हासिल करते उन्होंने घटना को अंजाम दिया. 12 सौ से अधिक पन्नों की चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र है कि तीनों शूटर अखबार और टीवी में चल रही खबरों के जरिए ही अतीक अशरफ के प्रयागराज में आने और जाने की पूरी खबरें शुरू से ही देख रहे थे. उन्होंने मीडिया वालों का भेष धरने से पहले मीडिया वालों के जैसे दिखने और बनने के लिए भी टीवी न्यूज का ही सहारा लिया था.इसी के साथ चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि अतीक अशरफ को मारने वाले इन तीनों शूटरों ने मौके पर घटना को अंजाम देने के बाद भागने का भी प्लान बनाया था लेकिन वारदात के बाद उन्हें भागने का मौका नहीं मिला, इसी वजह से वह मौके से भाग नहीं सके.
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