पटना:केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में नारी शक्ति बंधन बिल पेश किया है. इसके तहत लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% सीट आरक्षित हो जाएगी. लंबे समय से इसकी मांग होती रही है. बिहार की महिला जनप्रतिनिधियों की ओर से भी विधानसभा और लोकसभा सीटों में महिलाओं के लिए 33% सीट आरक्षित किए जाने की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन भी किया गया है. अब कानून बनते ही महिलाओं जनप्रतिनिधियों की भागीदारी बढ़ जाएगी.
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बिहार विधानसभा में 243, लोकसभा में 40 सीट:महिला आरक्षण बिल पारित होने पर विधानसभा और लोकसभा की सीटों पर बिहार में भी असर पड़ेगा. जहां लोकसभा की 40 सीटों में से फिलहाल दलितों के लिए 6 सीट रिजर्व है लेकिन अब 13 सीट महिलाओं के लिए भी रिजर्व हो जाएगी. यानी कुल 19 सीट आरक्षित हो जाएगी. वहीं विधानसभा की 243 सीटों में से 40 सीट दलितों के लिए आरक्षित है. अब महिलाओं के लिए 33% सीट आरक्षित होने पर 80 विधानसभा की सीट और आरक्षण के दायरे में आ जाएगी. यानी कुल 120 सीट आरक्षित हो जाएगी. विधानसभा की कुल सीटों की आधी आरक्षित सीट हो जाएगी.
बिहार में बढ़ जाएगी महिलाओं की नुमाइंदगी: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की केंद्र की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है. पहले से नीतीश कुमार का यह स्टैंड रहा है. अभी बिना आरक्षण के लोकसभा में 15% से अधिक सीट महिलाएं जीत नहीं पाती थी लेकिन अब 33% आरक्षण जब लागू हो जाएगा तो महिलाओं की संख्या में काफी इजाफा होगा. वहीं बिहार विधानसभा में भी अधिक संख्या में महिलाएं दिखेंगी.
आरक्षण लागू होने के बाद तीन गुना सीट बढ़ेगी:बिहार विधानसभा में भी महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. सभी दल महिला उम्मीदवार को चुनाव में उतारने से बचती रही है लेकिन अब आरक्षण लागू होने के बाद सभी दलों के लिए महिलाओं को टिकट देना मजबूरी हो जाएगा. बिहार में अभी लोकसभा में केवल तीन महिला सांसद है लेकिन महिला आरक्षण लागू होने के बाद सीटों की संख्या चार गुना बढ़ जाएगी. वहीं विधानसभा में 243 सीटों में केवल 28 महिला विधायक हैं. आरक्षण लागू होने के बाद लगभग तीन गुना सीट बढ़ जाएगी.
पंचायत चुनाव में 50 फीसदी आरक्षण: हालांकि बिहार में पंचायत में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण पूरे देश में सबसे पहले लागू किया गया है. नीतीश सरकार की ओर से अपने पहले कार्यकाल में ही इसे लागू किया गया था लेकिन अब लोकसभा और विधानसभा में भी लागू होने जा रहा है.
क्या है महिला आरक्षण बिल?:आपको बताएं कि मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में 128वां संविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया. इसके तहत लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान होगा. आसान भाषा में समझें तो लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी. महिलाओं के लिए आरक्षण की यह व्यवस्था 15 साल के लिए होगी, उसके बाद आरक्षण के लिए फिर से बिल लाना होगा. राज्यसभा और विधान परिषद में महिला आरक्षण लागू नहीं होगा.on: