मालदा : पांचवीं में पढ़ने वाले मुर्सेलिम ने अपनी सूझबूझ से पैसेंजर ट्रेन को एक बड़े हादसे से बचा लिया. रेलवे लाइन के नीचे बड़े गड्ढे पर उसकी नजर पड़ गई. उसने समय रहते ट्रेन रुकवा दी. मुर्सेलिम को नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा.
10 साल के मुर्सेलिम का घर हरिश्चंद्रपुर दूसरे ब्लॉक के मशालदह ग्राम पंचायत के करियाली गांव में है. पिता इस्माइल शेख प्रवासी श्रमिक हैं. मोरजिना खातून दो बेटों और एक बेटी के साथ रहती हैं. मुर्सेलिम शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे आउटर वालुका रोड रेलवे स्टेशन से सटे एक जलाशय में मछली पकड़ने गया था. तभी उसकी नजर रेलवे लाइन के नीचे एक बड़े गड्ढे पर पड़ी. कम दबाव के कारण मालदा जिले में पिछले कुछ दिनों से अच्छी बारिश हो रही है. शायद इसी वजह से रेलवे लाइन के नीचे का पत्थर खिसक गया और छेद हो गया.
टी शर्ट लहराकर रुकवाई ट्रेन : मुर्सेलिम ने यह देखकर कि सियालदह-सिलचर अप कंचनजंगा एक्सप्रेस उस लाइन पर पूरी गति से दौड़ रही थी, उसने तुरंत अपनी लाल टी-शर्ट उतार दी और उसे जोर से लहराते हुए लाइन पर खड़ा हो गया, ताकि ट्रेन चालक दूर से ही देख सके.
ट्रेन के गार्ड ने इसे देखा और ट्रेन रुकवा दी. वह नीचे आया और छेद की जांच की. इस तरह मुर्सेलिम ने कई यात्रियों की जान बचाई. गार्ड ने उसकी पीठ थपथपाई. फिर खबर भालुका रोड स्टेशन तक गई, जीआरपी, आरपीएफ और रेलवे कर्मचारी मौके पर पहुंचे. लाइन के नीचे का छेद भरा गया. ट्रेन डेढ़ घंटे बाद सिलचर के लिए रवाना हुई.
यह खबर फैलते ही 10 साल का मुर्सेलिम इलाके में हीरो बन गया. मुर्सेलिम की मां मोरजिना को अपने बेटे के काम पर गर्व है. उन्होंने कहा कि 'उसने इतने सारे लोगों की जान बचाई है. उस पर इससे ज्यादा गर्व नहीं हो सकता! ट्रेन के गार्ड ने भी लड़के को धन्यवाद दिया.'