बिहार न्यायिक सेवा की टॉपर भावना नंदा से खास बातचीत, जानिए सफलता का राज
बिहार की 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में रांची की भावना नंदा (Bhavna Nanda interview) टॉपर बनी हैं. बहुत जल्द एक ज्यूडिशियर मजिस्ट्रेट के रूप में अपने करियर की शुरूआत करेंगी. भावना नंदा ने रांची के संत माइकल स्कूल, डीपीएस, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रांची और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली से पढ़ाई पूरी की है. ईटीवी भारत (झारखंड) के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने उनकी सफलता और भविष्य की चुनौतियों को लेकर बातचीत की. भावना ने झारखंड हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रहीं ज्ञान सुधा मिश्रा को अपना प्रेरणाश्रोत बताया. उन्होंने कहा कि लीगल सेक्टर में भविष्य बनाने का बहुत ऑप्शन है. सबसे अच्छी बात यह है कि इस सेवा में आने के लिए साइंस या कॉमर्स बैकग्राउंड की बाध्यता नहीं है. खासकर लड़कियों के लिए यह सेक्टर बेहद मुफीद है. भावना के पिता नवल किशोर शर्मा ने कहा कि उनकी बेटी ने मैट्रिक की पढ़ाई के दौरान ही तय कर लिया था कि उसे न्यायिक सेवा में जाना है. इसके लिए डेडिकेशन बहुत जरूरी है. भावना की माता जी ने कहा कि सभी बच्चियों को अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा. जिसने यह तय कर लिया, उसे सफलता जरूर मिलेगी. भावना के पिता ने बताया कि वह मूलरूप से ओड़िशा के रहने वाले हैं लेकिन कई पीढ़ी पूर्व उनके पूर्वज गुमला में आकर बस गये थे. नवल किशोर नंदा इसी साल जुलाई में झारखंड वित्त विभाग में ऑडिट ऑफिसर के पद से रियाटर हुए हैं. अब वह अपने परिवार के साथ रांची के इटकी में रहते हैं.