बगहा:कोरोना महामारी की वजह से लंबे समय से बंद वाल्मीकिनगर की इंडो-नेपाल बॉर्डर (Indo-Nepal Gandak Barrage Border) को रविवार से खोल दिया गया. बॉर्डर खुलने के साथ ही लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है. जिसके बाद आम लोगों समेत व्यवसाइयों में जश्न का माहौल है. इससे नवरात्रि, दीपावली और छठ पूर्व पर्यटन नगरी वाल्मीकिनगर भी गुलजार हो गया है.
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बता दें कि शनिवार के दिन गंडक बराज के एक नंबर फाटक पर नेपाल और भारत की सीमा पर तैनात अधिकारियों की लंबी बैठक के बात बॉर्डर खोलने का फैसला लिया गया. गंडक बराज बॉर्डर के खुलते ही सीमावर्ती व्यवसायियों के साथ साथ आम लोगों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है. दोनों ही देशों के सीमा से लगने वाले व्यवसायी एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर बधाइयां दे रहे हैं.
दरअसल, सीमा बन्द होने से यहां का व्यवसाय और व्यवसाइयों पर खासा असर पड़ा था. बता दें कि पिछले डेढ़ वर्ष से इंडो नेपाल बॉर्डर को कोरोना महामारी की वजह से बंद कर दिया गया था. जिस कारण दोनो ही देशों के नागरिकों के आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी. ऐसे में जैसे ही बॉर्डर के खुलने की लोगों को जानकारी मिली तो सारा सीमावर्ती शहर खुशी के जश्न में डूब गया. लोग एक दूसरे को मिलकर और फोन के जरिये बधाइयां देते देखे गए.
बता दें कि दोनों ही देशों के बीच बेटी- रोटी का सम्बंध है. लिहाजा एक दूसरे देश में ब्याही गई बेटियों को नवरात्रि और महापर्व छठ में आने जाने पर से पाबंदी हट गई है. इतना ही नही पर्यटन नगरी वाल्मीकिनगर पर भी सीमा बंद होने का काफी प्रभाव पड़ा था. अब बॉर्डर खुलने से पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा. संभावना जताई जा रही है कि मध्य अक्टूबर के बाद पर्यटन सेवा भी बहाल हो जाएगी. जिसके तहत पर्यटक जंगल सफारी समेत अन्य पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकेंगे और नेपाल के रास्ते विदेशी पर्यटकों का भी आवागमन होगा.
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