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22 साल की उम्र में दिया सर्वोच्च बलिदान, शहीद जय किशोर सिंह के पार्थिव शरीर का इंतजार

शहीद जवान जय किशोर सिंह की शहादत पर सभी गर्व महसूस कर रहे हैं. लोगों में चीन के खिलाफ काफी गुस्सा है. शहीद जयकिशोर के पिता ने कहा कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है. देश सेवा के लिए मेरे दो और बेटे तैयार हैं, मैं उन्हें भी सीमा पर भेजूंगा.

शहीद जय किशोर सिंह
शहीद जय किशोर सिंह

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Published : Jun 18, 2020, 12:32 PM IST

वैशाली: जिले के जंदाहा थानां क्षेत्र के चकफतेह गांव निवासी जय किशोर सिंह भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प में शहीद हो गए. एलएसी पर दोनों देशों के जवानों की झड़प में 22 साल के जयकिशोर ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. घटना की सूचना से गांव में मातम का माहौल है. ग्रामीण शहीद के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं.

'देश सेवा के लिए मेरे दो और बेटे तैयार'
शहीद जवान जय किशोर सिंह की शहादत पर सभी गर्व महसूस कर रहे हैं. साथ ही लोगों में चीन के खिलाफ काफी गुस्सा है. स्थानीय लोगों ने भारत सरकार से चीन पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. शहीद के पिता कहते हैं कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है. देश सेवा के लिए मेरे दो और बेटे तैयार हैं, मैं उन्हें भी सीमा पर भेजूंगा.

शहीद के पार्थिव शरीर का इंतजार

चीन पर कड़ी कार्रवाई की मांग
शहीद जय किशोर सिंह एक बहन और चार भाईयों में दूसरे नंबर पर थे. उनके बड़े भाई नंद किशोर सिंह भी भारतीय सेना में जवान हैं. दो छोटे भाई और एक बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं. उनके पिता राज कपूर सिंह किसान और माता गृहणी हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पार्थिव शरीर का इंतजार
शहीद जय किशोर सिंह 2018 में ही सेना में बहाल हुए थे. वैशाली के लाल जय किशोर सिंह की शहादत पर आज पूरे जिले को गर्व हैं. स्थानीय लोग शहीद के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं.

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