सारणःअनुभूति शांडिल्य 'तीस्ता' की पहली पुण्यतिथि पर मौलाना मजरूल हक एकता भवन में बुधवार को श्रद्धा के फूल कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. जय प्रकाश विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह कार्यक्रम के मुख्यअतिथि के रूप में मौजूद थे. इस मौके पर लोक गीतों की भी प्रस्तुती दी गई. जिसमें कलाकारों ने अपनी रचनाओं से तीस्ता को श्रद्धांजलि दी.
सारणः 'तीस्ता' को पहली पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि, बिहार की तीजनबाई के रूप में थीं मशहूर
तीस्ता गायन शैली और भावपूर्ण नृत्य की प्रस्तुति से सबका दिल जीत लेती थीं. लोग उन्हें बिहार की तीजनबाई भी कहते थे.
छोटी उम्र में कमा चुकी थी बड़ा नाम
हरिकेश सिंह तीस्ता की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इसके बाद अनुभूति शांडिल्य को याद करते हुए वो भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में तीस्ता का चला जाना लोक कला के लिए अपूरणीय क्षति है. महज 17 साल की उम्र में गीत गाने और नृत्य की जो प्रतिभा वो रखती थीं, ये असाधारण बात है.
अपनी कलाओं से दिल जीत लेती थी
ईटीवी से बात करते हुए कुलपति ने कहा कि वीर रस का एक बेहरीन कलाकार हमने खो दिया है. उनकी प्रतिभा से मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत प्रभावित था. लोक कलाओं से अपने लगाव की वजह से वो हमेशा याद रखी जाएंगी. बताया जाता है कि तीस्ता गायन शैली और भावपूर्ण नृत्य की प्रस्तुति से सबका दिल जीत लेती थीं. लोग उन्हें बिहार की तीजनबाई भी कहते थे.