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Ugratara Mahotsav in Saharsa : 3 दिन तक चलेगा सांस्कृतिक कार्यक्रम, सांसद ने दीप प्रज्वलित कर किया उद्घाटन

सहरसा में तीन दिवसीय उग्रतारा महोत्सव (Ugratara Mahotsav in Saharsa) का उद्घाटन सोमवार को किया गया. जहां सांसद दिनेशचंद्र यादव, स्थानीय विधायक गुंजेश्वर साह, एमएलसी डॉ अजय कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर प्रभारी जिलाधिकारी, प्रभारी एसपी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

Ugratara Mahotsav
Ugratara Mahotsav

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 16, 2023, 8:53 PM IST

सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में पर्यटन विभाग द्वारा तीन दिवसीय उग्रतारा महोत्सव का आयोजन किया गया है. जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम में कई स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी गई. इस कार्यक्रम में कई नामचीन कलाकार भी अपना जलवा बिखेरेंगे. वहीं कल से दो दिनों के सेमिनार का आयोजन किया गया है, जिसमें कई विद्वान भाग लेंगे. साथ ही महोत्सव के तीसरे दिन सुप्रसिद्ध कलाकारों का कार्यक्रम होगा.

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बाल कलाकार ने दी प्रस्तुति: सहरसा पहुंचे सांसद, विधायक व एमएलसी ने सबसे पहले मंदिर पहुंच मां तारा की पूजा अर्चना की. फिर वहां से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर "उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव" का दीप जला कर विधिवत उद्घाटन किया. कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों के लिए स्वागत गान गाया गया. बाल कलाकार ने अपनी नृत्य की प्रस्तुति दी. वेद विद्यापीठ के छात्रों ने मंच से वेद पाठ भी किया.

कार्यक्रम में प्रस्तुति देती छात्राएं.

उग्रतारा महोत्सव का एतिहासिक महत्त्व:वहीं, कार्यक्रम को लेकर प्रभारी जिला पदाधिकारी ने कहा कि भविष्य के निर्माण के लिए अपनी सभ्यता और संस्कृति का अनुसरण करना चाहिए. महिषी प्रखंड स्थित विभिन्न एतिहासिक स्थलों का अपना एक एतिहासिक महत्त्व रहा है. कहा जाता है कि जब भगवान शंकर जब माता सती का शव लेकर तांडव कर रहे थे, तो सती का एक आंख यहीं गिरा था. इसके अलावा यहां कई ऐसे अवशेष मिले है जो सनातन एवं बौद्ध धर्म के समन्वय को दर्शाती है.

दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन

विकास का मार्ग खोलेगा महोत्सव:इस अवसर पर सांसद दिनेशचंद्र यादव ने कहा कि ''प्रत्येक वर्ष होने वाले इस महोत्सव के आयोजन से यहां विकास का मार्ग प्रसस्त होगा. इसकी चर्चायें बाहर होगीं तो छात्र यहां शोध करने पहुचेंगे. नए-नए रहस्यों पर से पर्दा उठेगा. इसके अलावा यहां पर्यटन क्षेत्र के मानचित्र अंकित होगा. दूरदराज से लोग यहां भगवती की पूजा अर्चना व साधना के लिए आते हैं. पहले आवागमन का आभाव था पर अब कई पुलों के निर्माण होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है. कोविड के समय में इसमे कुछ व्यवधान हुआ था पर अब पूर्व के भांति इसका आयोजन हो रहा है. मैं कामना करता हूँ कि यह इसी तरह निरंतर आयोजित होता रहे.''

सहरसा में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ तीन दिन तक चलेगा कार्यक्रम

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