पूर्णिया:जिले में राज्य सरकार के आदेश की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. गृह विभाग के अपर सचिव आमिर सुबहानी के निर्देश के बावजूद दूसरे राज्यों से आने वाले बिहारी मजदूरों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के लिए जिले से लगी सीमा पर अब तक आपदा राहत केंद्र के अब तक एक्टिव मो में न होने से बेरोकटोक प्रवासी बिहारी मजदूर एंट्री कर रहे हैं. चेकपोस्ट न होने से सोमवार को दिल्ली से आए 11 मजदूर जिला मुख्यालय आ पंहुचे. वहीं मीडिया और पब्लिक की सूचना के बाद किसी तरह जिला प्रशासन जागा और इन मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई.
सीमा पर एक्टिव नहीं दिख रहे आपदा राहत केंद्र
दरअसल, लॉक डाउन के बाद बड़ी तादाद में प्रदेशों में रहने वाले प्रवासी बिहारी मजदूरों का बिहार लौटना शुरू हो गया है. वहीं इसी के साथ बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. हैरत की बात ये है कि प्रशासनिक अमला इसे लेकर तनिक भी संजीदा नहीं दिखाई दे रहा है.
जिला मुख्यालय पहुंचे 11 प्रवासी मजदूर
जानकारी के मुताबिक सभी मजदूर जिले के रुपौली थाना क्षेत्र के बेला प्रसादी गांव के वार्ड 2 के रहने वाले हैं. प्रवासी बिहारी मजदूरों ने बताया कि दिल्ली में काम-धंधा मंदा पड़ने के बाद वे दिल्ली और उत्तरप्रदेश राज्य सरकार की बसों की मदद से पूर्णिया की सीमा तक पंहुचे. 27 मार्च को अलग-अलग मार्गों में टेस्टिंग व स्क्रीनिंग में सफल होने के बाद यहां आने में उन्हें 3 दिन लग गए.