पटनाः राजधानी के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन अब पहले की तरह विद्यालय शिक्षा समिति ही करेगी. बीते 22 जुलाई से राजधानी पटना के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने और बांटने की जिम्मेदारी दो स्वयंसेवी संस्थान जन चेतना जागृति एवं शैक्षिक विकास मंच को सौंपी गई थी. शिक्षा विभाग ने उनसे यह जिम्मेदारी वापस लेते हुए, उनके तरफ से की जा रही आपूर्ति को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. बताया जा रहा है कि एनजीओ के जरिए हो रही मध्यान्ह भोजन आपूर्ति में कई तरह की अनियमिता उजागर होने लगी. खाना समय से छात्रों को नहीं मिलता था जिसके कारण छात्रों में गुस्सा दिखा.
पटनाः पुरानी व्यवस्था के तहत ही स्कूलों में बनेगा मिड-डे मील, NGO से करार हुआ खत्म
राजधानी के सरकारी स्कूलों में अब पहले की तरह ही विद्यालय शिक्षा समिति मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन करेगी. एनजीओ के द्वारा लगातार हो रही गड़बड़ी के कारण उन्हें नोटिस भेज कर उनसे यह जिम्मेदारी वापस ले ली गई है.
सही भोजन न मिलने से बच्चों में आक्रोश
पिछले कई दिनों से राजधानी के स्कूलों में समय पर मध्यान्ह भोजन नहीं मिलने से बच्चों में आक्रोश देखा जा रहा था. कई बच्चे भूखे स्कूल से घर लौट रहे थे. यहां तक कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी कम दिख रही थी. जिसको लेकर हंगामा होने लगा. जिला शिक्षा पदाधिकारी की जांच में भोजन की गुणवत्ता का परीक्षण भी किया गया. इस दौरान छात्रों से बातचीत से पता चला कि दिए गए एनजीओ का सेंट्रलाइज्ड किचन दुरुस्त नहीं था. लगातार कुछ न कुछ खराबी आ रही थी.
एनजीओ को जारी किया नोटिस
मध्यान्ह भोजन योजना के निदेशक विनोद कुमार सिंह ने स्वयंसेवी संस्थान जन चेतना जागृति एवं शैक्षणिक विकास मंच को नोटिस जारी किया है. नोटिस के साथ डीईओ की तरफ से की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर नोटिस का जवाब देने के लिए एनजीओ को 3 दिन का समय दिया गया है. साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि वे इस मामले में अपना पक्ष रखें. नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि मध्यान्ह भोजन के संबंध में किया गया इकरारनामा रद्द किया जाए.