बिहार

bihar

ETV Bharat / state

World Tourism Day: बिहार का नालंदा, जहां कभी पूरी दुनिया से पढ़ने आते थे छात्र

नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व धरोहर का दर्जा मिला है. नालंदा बिहार का प्रमुख पर्यटन आकर्षण है. जिले की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है.

नालंदा विश्वविद्यालय

By

Published : Sep 27, 2019, 10:00 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 12:24 PM IST

नालंदा:बिहार के कई ऐतिहासिक धरोहरों को देखने के लिए पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं. लेकिन, नालंदा की पहचान बिल्कुल अलग है. कभी यहां उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दुनियाभर से छात्र आते थें. खंडहर में तब्दील हुई नालंदा विवि की दीवारें आज भी उन दिनों की याद दिलाती है.

नालंदा विश्वविद्यालय

विश्व धरोहर का मिला है दर्जा
नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व धरोहर का दर्जा मिला है. 1199 में मुस्लिम शासक बख्तियार खिलजी ने इस विश्वविद्यालय में आग लगवा दिया था. पूरा विश्वविद्यालय जल गया था. कहते हैं कि विश्वविद्यालय में इतनी पुस्तकें थी कि यह 3 महीने तक जलता रहा था. नालंदा बिहार का प्रमुख पर्यटन आकर्षण है. जिले की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है.

राजगीर

बड़ी संख्या में आते हैं पर्यटक

14 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस स्थान पर प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष मिले हैं. खुदाई में मिले सभी इमारतों का निर्माण लाल पत्थर से किया गया था. इस विवि को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. इसकी दीवारें आज भी इतनी चौड़ी है कि कोई गाड़ी भी इसपर चल सकती है.

राजगीर

अन्य पर्यटन स्थल

  • पावापुरी मंदिर: पावापुरी जल मंदिर, राजगीर और बोधगया के समीप पावापुरी में स्थित है. जैन धर्म मानने वालों के लिए यह स्थान अत्यंत ही पवित्र है. माना जाता है कि भगवान महावीर को यहीं पर मोक्ष की प्राप्ति हुई थी.
    वर्ल्ड टूरिज्म डे पर जाने नालंदा के बारे में
  • पांडु पोखर:पांडू पोखर राजगीर में स्थित है. 22 एकड़ में फैला यह क्षेत्र भारत के अद्भुत इतिहास का उदाहरण है. कहा जाता है कि महाभारत काल में महाराजा पांडू ने राजगृह पर आक्रमण किया था और इस स्थान को घोड़े के अस्तबल में बदल दिया था. जब महाराज पांडु यहां से जाने लगे तो यहां पर एक छोटा घाटी नुमा स्थान बन गया. जिसमें बाद में बारिश का पानी भर गया. इस तरह से पांडु पोखर अस्तित्व में आया. कहा जाता है कि पांडवों के पिता महाराज पांडु यहां स्नान करने आते थे और उन्हीं के नाम पर इसे पांडु पोखर के नाम से जाना जाता है. सरोवर के मध्य में महाराज पांडु की 40 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है. सौंदर्यीकरण करके इसे आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है. आप यहां नौकायन का आनंद उठा सकते हैं .
    स्मृति भवन

नालंदा कैसे पहुंचे?

  • हवाई मार्ग
  • इस जिले का अपना हवाई अड्डा नहीं है.
  • निकटतम हवाई अड्डा : जय प्रकाश नारायण हवाई अड्डा (PAT) नालंदा से 67 किलोमीटर की दूरी पर पटना में स्थित है.
  • दूसरा नजदीकी हवाई अड्डा: गया एयरपोर्ट (GAY) , नालंदा से 104 किलोमीटर की दूरी पर गया में स्थित है.
    रोप वे


रेल मार्ग

  • रेल मार्ग से आप आसानी से यहां आ सकते हैं . देश के अन्य प्रमुख शहरों से नालंदा के लिए नियमित ट्रेन चलती है.
  • नजदीकी रेलवे स्टेशन: नालंदा (NLD), बिहार शरीफ जंक्शन (BEHS) और राजगीर स्टेशन (RGD)

सड़क मार्ग
नालंदा, राज्य और देश के प्रमुख नगरों से शहरों से सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है. यहां से पटना और अन्य जगहों के लिए बस सुविधा उपलब्ध है. आप चाहे तो अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी यहां आ सकते हैं.

Last Updated : Sep 27, 2019, 12:24 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details