आरजेडी महिला कार्यकर्ताओं का मार्च. पटना:बिहार मेंशराबबंदी कानून (Prohibition Law In Bihar) के समर्थन में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय से दर्जनों महिला कार्यकर्ताओं (RJD Women Workers) ने सड़क पर निकलकर पैदल मार्च किया. और बिहार में शराबबंदी कानून लागू रहने के लिए नीतीश कुमार के समर्थन में नारे लगाए. इस दौरान राजद के महिला कार्यकर्ताओं का साफ-साफ कहना था कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं की मांग पर इसे लागू किया है. यह बहुत अच्छी बात है. विपक्ष जिस तरह से शराब बंदी कानून को लेकर तरह-तरह की बात कर रहा है, वह पूरी तरह से गलत है.
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CM के समर्थन में RJD कार्यकर्ताओं ने लगाए नारे :महिला कार्यकर्ताओं का कहना था कि शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बिहार में समाज का माहौल बना है. वह काफी अच्छा है और लोग इसकी सराहना करते हैं. लेकिन विपक्ष के लोग जिस तरह बयान बाजी कर रहे हैं, वह कहीं से भी ठीक नहीं है. राजद के नेत्री उर्मिला ठाकुर ने कहा कि महागठबंधन घटक दल के जितने भी महिला कार्यकर्ता है, वो सड़क पर उतरकर शराबबंदी कानून का समर्थन कर रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून बिहार में लगाया है. उससे समाज का माहौल बहुत अच्छा हुआ है. अभी तक जिस तरह से विपक्ष शराब बंदी कानून को बदनाम करने की साजिश कर रही है, उसका पोल खोलने के लिए ही हम लोग सड़क पर उतर कर पैदल मार्च कर रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा महिलाओं के बीच जाकर शराबबंदी कानून के फायदे को हम लोग बताने का काम करेंगे.
'विपक्ष के लोग शराबबंदी कानून को बदनाम करने के लिए तरह-तरह के आरोप लगाते हैं. जो जहरीली शराबकांड हुआ है. वो विपक्ष की साजिश है. हम लोग सड़क से लेकर सदन तक महिलाओं को समझाने में लगे हैं. लोगों को बताने में लग गए हैं. बिहार में शराबबंदी कानून रहना जरूरी है. जिससे समाज का माहौल सही रहेगा. विपक्ष कुछ भी कर ले लेकिन अभी भी शराबबंदी कानून के साथ लोग हैं और शराबबंदी कानून लागू रहे उसको लेकर हम लोगों की लड़ाई जारी रहेगी.'- मंजू यादव, RJD महिला नेत्री
बिहार में 2016 से शराबबंदी :बता दें कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) लागू किया गया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.
जहरीली शराब पीने से कई लोगों की हो चुकी है मौत :गौरतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद ना ही अवैध रूप से शराब की बिक्री कम हुई (Bihar Hooch Tragedy) है और ना ही जहरीली शराब से होने वाली मौतों में कमी आ रही (deaths due to poisonous alcohol) है. ताजा मामला बिहार के सारण जिले के मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र का है, जहां जहरीली शराब पीने से अबतक 73 लोगों की संदिग्ध मौत हो (Many People Died from Poisonous liquor in chapra) चुकी है. जबकि कई बीमार लोग अस्पताल में इलाजरत हैं.. बिहार के कई नेता सूबे से शराबंदी कानून के हटाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून के समर्थन में हैं.