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तूफान आने से पहले की खामोशी तो नहीं : नीतीश, भाजपा की नहीं कर रहे आलोचना, ना ही कुशवाहा से जता रहे नाराजगी

बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक (Bihar political upheaval) उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं. जदयू पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार की सियासत में सुनामी ला दिया है. भाजपा को लेकर जदयू के रुख में नरमी है. सीएम नीतीश कुमार ने भी भाजपा और उपेंद्र कुशवाहा को लेकर तल्खी नहीं दिखाई है. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार की सियासत
बिहार की सियासत

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Published : Jan 23, 2023, 9:51 PM IST

बिहार की सियासत

पटना:जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (JDU leader Upendra Kushwaha ) के बयान के बाद से बिहार की सियासत अंगड़ाई लेने लगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हालात पर गोलमोल जवाब दिया. नीतीश कुमार ने ना तो भाजपा की आलोचना कर रहे हैं और ना ही उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बयानों में तल्खी दिखाई. राजद नेता लगातार उटपटांग बयानबाजी कर रहे हैं. सुधाकर सिंह, विजय मंडल, चंद्रशेखर सिंह और आलोक मेहता सरीखे नेताओं के बयान से महागठबंधन में नीतीश कुमार काफी असहज दिख रहे हैं.

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बिहार में राजनीतिक बवंडर:बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का स्वरूप बदला था. नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने महागठबंधन का दामन थाम लिया था. महज 5 महीने के भीतर ही महागठबंधन में नीतीश कुमार असहज हो गए. जानकार बताते हैं कि राजद नेताओं की बयानबाजी से नाराज नीतीश कुमार ने वैकल्पिक सियासत को लेकर मंथन शुरू कर दिया है. जदयू पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की तस्वीर भाजपा नेताओं के साथ आती और बिहार की राजनीति में कयास लगने लगता है.

"उपेंद्र कुशवाहा जी से हमारा पुराना रिश्ता है. वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में रह चुके हैं. 2024 के पहले एनडीए का कुनबा बढ़ेगा, लेकिन इस पर फैसला हमारे केंद्रीय नेतृत्व को करना है."-संजय टाइगर, भाजपा प्रवक्ता


"महागठबंधन पूरी तरह इंटैक्ट है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चल रही है. भाजपा के लोग ख्याली पुलाव पकाते रहते हैं. जहां तक उपेंद्र कुशवाहा का सवाल है वह हमारे दल के बड़े नेता हैं और उसके बारे में मैं कुछ नहीं बोल सकता."- डॉ सुनील कुमार, जदयू प्रवक्ता


"उपेंद्र कुशवाहा का बयान और नीतीश कुमार का जवाब जदयू का आंतरिक मामला है. इससे राष्ट्रीय जनता दल का कोई लेना देना नहीं है, लेकिन जहां तक महागठबंधन का सवाल है तो महागठबंधन पूरी तरह मजबूत है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार अच्छे से चल रही है."-एजाज अहमद,राजद प्रवक्ता

"वर्तमान परिस्थितियों में नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन में लंबे समय तक बने रहना आसान नहीं दिखाई दे रहा है. राजद कोटे के मंत्रियों और विधायकों की बयानबाजी से मुख्यमंत्री मुश्किल में दिखाई दे रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा की नजदीकियां तो जगजाहिर है और उनकी एनडीए में वापसी से इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन नीतीश कुमार भी वापस आए तो आश्चर्य की बात नहीं होगी, बशर्ते रोड मैप पर सहमति बन जाए."- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक

सुशील मोदी की तारीफ:भाजपा को लेकर भी नीतीश कुमार के बयान में तल्खी नहीं दिख रही है. कई बार नीतीश कुमार सुशील मोदी की तारीफ करते हुए यह कह चुके हैं कि अगर सुशील मोदी होते तो हम गठबंधन से अलग नहीं होते.

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