रांची/पटना: झारखंड के कोडरमा घाटी में रविवार दोपहर बिहार के अपराधियों ने एसटीएफ अधिकारी बनकर लूट की वारदात को अंजाम दिया था. अपराधियों ने इस दौरान 1.46 करोड़ रुपये, 2.395 किलो सोना और 56 किलो चांदी लूट लिए थे. लूट के बाद फरार हुए अपराधियों को रांची के ओरमांझी इलाके से दबोच लिया गया.
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क्या है पूरा मामला
पटना के बाकरगंज के दो जेवर कारोबारी के कर्मचारियों से अपराधियों ने हथियार के बल पर बीते रविवार को बरही थाना क्षेत्र में 1.46 करोड़ रुपये समेत जेवरात लूट लिए थे. पुलिस ने इस सिलसिले में ओरमांझी इलाके से आरोपी धीरज कुमार और राहुल यादव को गिरफ्तार किया था. इन्होंने पुलिस को बताया कि इस वारदात को अंजाम देने की पूरी प्लानिंग पटना में की गई थी. इसके लिए चार सदस्यों की टीम बनी थी.
रविवार को अहले सुबह जब जेवर कारोबारी की इनोवा गाड़ी में नगदी और जेवरात लेकर उसके कर्मचारी पटना से कोलकाता के लिए निकले तो गिरोह के सदस्यों ने अपनी डस्टर गाड़ी से इसका पीछा किया. बरही थाना क्षेत्र के जवाहर घाटी पुल के पास जैसे ही उनकी इनोवा गाड़ी पहुंची, पुल से दो सौ मीटर की दूरी पर स्थित एक ब्रेकर के पास आरोपियों ने उनकी इनोवा गाड़ी को धक्का मार दिया. व्यापारी की गाड़ी के चालक ने इसका विरोध किया तो वे चारों गाड़ी से हथियार के साथ उतरे और खुद को एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) का बताकर धीरज और राहुल ने चालक से इनोवा गाड़ी की चाबी छीन ली और गाड़ी लेकर रांची की ओर भाग निकले.
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वहीं उसके दो अन्य साथी चालक और कारोबारी के कर्मी को अपनी डस्टर गाड़ी में बैठाकर धनबाद की ओर ले जाने लगे. यहां बगोदर के जंगल में चालक और कर्मी को उतार दिया. इसके बाद उनके साथी धनबाद की ओर फरार हो गए. इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपियों को ओरमांझी में रोका. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने ओरमांझी में पुलिस के रोकने पर पुलिसकर्मियों पर भी पिस्टल तान दिया था. पुलिसकर्मी जब अपने-अपने हथियार कॉक कर जवाबी फायरिंग के एक्शन में आए, तब आरोपियों ने कार रोकी.
पुलिस ने इनकम टैक्स विभाग को दी सूचना
1.46 करोड़ रुपये, 2.395 किलो सेना और 56 किलो चांदी बरामदगी के बाद पुलिस की ओर से इनकम टैक्स को सूचना दी गई है. इनकम टैक्स विभाग इस ट्रांजेक्शन की जांच कर रहा है. हालांकि रुपये और जेवरात की बरामदगी की सूचना पर ओरमांझी पहुंचे मालिक ने बताया है कि उनके सारे जेवरात और रुपये बरामद कर लिए गए हैं. उनका जेवरात और रुपये लेकर आना-जाना हमेशा पटना से कोलकाता के लिए होता है. इस बार रेकी कर लूटकांड की घटना को अंजाम दे दिया गया. हालांकि रांची पुलिस की सक्रियता से पूरी रकम और जेवरात बरामद कर लिया गया. पकड़े गए आरोपियों में धीरज कुमार और औरंगाबाद का राहुल यादव हैं. दो अन्य अपराधी मौके से फरार हो गए. दोनों की तलाश में झारखंड के अलावा बिहार की पुलिस भी जुटी है. पकड़े गए अपराधियों के पास से पिस्टल भी बरामद किए गए हैं.
डिजाइन के लिए कोलकाता भेज रहे थे जेवरात और पैसे
रांची पुलिस ने पटना के जिन दोनों कारोबारियों के पैसे और जेवरात की लूट हुई उनसे सोमवार को ओरमांझी थाने में पूछताछ की, उनसे जानकारी ली गई कि इतना मात्रा में जेवरात और कैश लंबी दूरी के लिए क्यों भेजा जा रहा था. इस पर उन्होंने जानकारी दी कि वे हमेशा जेवरात रिडिजाइन के लिए भेजते हैं. लेकिन इस बार उसके साथ कैश भी था. उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि और शनिवार की वजह से बैंक बंद थे. इस वजह से कैश भी साथ भेजा गया था, जबकि पहले पैसे को आरटीजीएस किया जाता था. कारोबारी की ओर से दी गई जानकारी पर पुलिस छानबीन कर रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि गहनों के साथ भारी मात्रा में कैश निकलने वाले दिन ही अपराधियों ने कैसे रेकी की. किस परिचित या स्टाफ की मिलीभगत हो सकती है, यह भी पता लगाया जा रहा है.
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तीन जिलों की पुलिस कर रही है जांच
लूटकांड मामले की तीन जिलों की पुलिस संयुक्त रूप से जांच कर रही है. जांच में रांची के अलावा हजारीबाग और बरही थाने की पुलिस शामिल है. सभी थानों की पुलिस अपने-अपने तरीकों से जांच कर रही है. मामले में रांची पुलिस ने पटना पुलिस से भी संपर्क किया है, अन्य दो फरार अपराधियों का डिटेल उपलब्ध कराने को कहा है.