पटनाःसॉल्वर गैंग (Solver Gang) के सरगना पीके की तलाशी के लिए पुलिस ने दबिश तेज कर दी है. मास्टरमाइंड की तलाश में पटना पहुंची वाराणसी पुलिस (Varanasi Police) ने बिहार पुलिस की मदद से 17 ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन पीके का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. खबर है कि पटना के बाजार समिति, महेन्द्रु, पटना सिटी के कई इलाकों में छापेमारी की गई है. पुलिस की टीम मामले की जांच के लिए त्रिपुरा भी गई है.
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खबर है कि यूपी पुलिस को पटना के रहने वाले आठ छात्रों का मोबाइल नंबर मिला है. उसकी पड़ताल की जा रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि सॉल्वर गैंग का मास्टरमाइंड कोचिंग चलाया करता था. इसके बाद पुलिस ने तमाम बिंदुओं पर छानबीन शुरू कर दी है. बता दें कि इस मामले में पुलिस ने अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
सोमवार को गिरफ्तार बीएचयू की छात्रा जूली, मंगलवार को पकड़े गए उसके भाई अभय और डॉ. आसोमा से मिली अहम जानकारियों के आधार पर पुलिस की नजर बिहार के दूसरे सॉल्वरों पर भी है जिनका पीके के गैंग से जुड़ाव है.
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दरअसल, यूपी के वाराणसी जिले के सारनाथ के सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल परीक्षा केन्द्र से क्राइम ब्रांच ने डेंटल मेडिकल प्रतियोगिता परीक्षा में अव्वल स्थान हासिल किए जुली और सेंटर के बाहर से उसकी मां को गिरफ्तार कर लिया था. बता दें कि जुली त्रिपुरा की रहने वाली हिना विश्वास नाम की छात्रा के बदले नीट यूजी की परीक्षा देने के लिए बैठी थी. जुली की मां ने पांच लाख रुपये में यह सौदा सॉल्वर गैंग से तय किया था.
आपको बताते चलें कि सॉल्वर गैंग की नजर जुली पर उस वक्त से थी, जब उसने मेडिकल प्रतियोगिता परीक्षा में टॉप किया था. इसके बाद से गैंग के सदस्य उससे संपर्क साधने लगे थे बावजूद जुली उनके झांसे में नहीं आई थी. लेकिन गैंग ने इसके बाद जुली की मां का सहारा लिया और फिर पैसे के लोभ में आकर वह दूसरों की परीक्षाओं में बैठने लगी.
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जुली पटना के बहादुरपुर की रहने वाली है. वह फिलहाल बीएचयू में रहकर डेंटिस्ट की पढ़ाई कर रही थी. इसी दौरान नीट यूजीसी में दूसरे की जगह परीक्षा देने के क्रम में उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. जुली से की गई पूछताछ के आधार पर अन्य सॉल्वरों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.
इस मामले में पटना के एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने कहा इस मामले पर पुलिस नजर बनाए हुए है. इस मामले संबंधित किसी भी तरह की जानकारी मिलते ही सॉल्वर गैंग के एजेंटों को दबोच लिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस तरह के गैंग पर नजर रखना और उनसे जुड़ी जानकारियां हासिल करना थोड़ा कठिन है.
बता दें कि बिहार में सॉल्वर गैंग की कहानी कोई नई नहीं है. बिहार में एक दौर वह भी आया जब नालंदा का रहने वाला रंजीत डॉन का काफी बड़ा और मजबूत पकड़ वाला सॉल्वर गैंग हुआ करता था. कहा जाता है कि रंजीत ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में न सिर्फ सैकड़ों छात्रों को प्रवेश दिलाया बल्कि इससे अकूत संपत्ति भी अर्जित कर ली थी. हालांकि बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.