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बिहार बजट 2021-22: पिछले साल खर्च हुए आधा, इस बार उम्मीदें ज्यादा

कोरोना काल में बजट से बिहार वासियों की काफी उम्मीदें हैं. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार का बजट लोक कल्याणकारी होगा. सभी वर्गों के विकास को ध्यान में रखा जाएगा.

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Published : Feb 18, 2021, 8:21 PM IST

बिहार बजट 2021-22: पिछले साल खर्च हुए आधा, इस बार उम्मीदें ज्यादा

पटना: बिहार के वित्तीय प्रबंधन का लोहा देश मानती है. विकास दर के मायने में पिछले कई सालों से बिहार ने बेहतर प्रदर्शन किया है. ग्रोथ रेट लगातार 10% के पार है. कोरोना संकट काल में बिहार सरकार बजटपेश करेगी. बजट से जहां आम लोगों को उम्मीदें हैं, वहीं पिछले बजट का बड़ा हिस्सा अब तक खर्च नहीं हो पाया है.

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इस बार राज्यांश में कमी आने की संभावना
पिछले 10 साल के दौरान बजट के आकार में भारी वृद्धि हुई है. आंकड़ा दो लाख करोड़ के ऊपर पहुंच चुका है. इस बार सुशील मोदी की गैर मौजूदगी में बिहार बजट पेश होना है. कोरोना संकट को देखते हुए इस बार का बजट जहां सरकार के लिए चुनौती है. वहीं प्रवासी मजदूर और रोजगार को लेकर आम लोगों की आकांक्षाएं भी हैं. साल 2010-11 में जहां बिहार का बजट 51000 करोड़ का था. वहीं साल 2020-21 में बिहार का बजट बढ़ कर दो लाख 11,000 करोड़ का हो गया.

देखें रिपोर्ट

बजट का बड़ा हिस्सा नहीं हुआ खर्च
बिहार सरकारने सबसे अधिक खर्च शिक्षा पर 35191 करोड़, ग्रामीण विकास पर 17345 करोड़, वेलफेयर पर 15955 करोड़, स्वास्थ्य पर 11911 करोड़ और पंचायती राज पर 10937 करोड़ बजट का प्रावधान किया था. लेकिन बिहार सरकार ने बजट का बड़ा हिस्सा अब तक खर्च नहीं किया. बजट का 50% से अधिक का हिसाब तक खर्च नहीं हो पाया है. हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मार्च तक राशि का उपयोग कर लिया जाएगा.

इस बार राज्यांश में कमी आने की संभावना

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कर्मचारियों के वेतन मद का आकलन
सात निश्चय योजना पर सरकार का सबसे अधिक जोर है. हर घर नल का जल और नली-गली योजना का आब तक 70 से 80% कार्य पूरा हो सका है. विभाग के मंत्री का कहना है कि मार्च से पहले काम पूरा कर लिया जाएगा और भ्रष्टाचार में जो कोई भी संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी और रिकवरी का भी प्रावधान है. जहां तक बजट का सवाल है तो, सरकार के अधिकारी अक्टूबर महीने के अंत से बजट बनाने की प्रक्रिया में जुट जाते हैं. हर विभाग को एक प्रपत्र सौंपा जाता है. जिसे भरकर वह वित्त विभाग के पास भेजते हैं. इसके बाद कर्मचारियों के वेतन मद का आकलन होता है.

जानकारी देते अर्थशास्त्री अमित बख्शी

"वर्तमान वर्ष से एक साल पहले और एक साल बाद का आकलन किया जाता है. उसके बाद सभी विभाग अपना बजट बनाकर वित्त विभाग को सौंपते हैं. इसके बाद वित्त विभाग के द्वारा टैक्स और नॉन टैक्स का रेवेन्यू आकलन किया जाता है. इसके बाद वित्त विभाग यह आकलन करता है कि टैक्स के जरिए सरकार को कितना आय होगा और केंद्र सरकार से कितनी राशि मिलेगी. बीच की राशि का भरपाई कर्ज से किया जाता है और फिर उसके बाद विभागों को बजट का आवंटन किया जाता है"-अमित बख्शी, अर्थशास्त्री

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"इस बार का बजट लोक कल्याणकारी होगा. सभी वर्गों के विकास को ध्यान में रखा जाएगा. बजट से बिहार वासियों के सपने पूरे होंगे"-तार किशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद


"हर घर नल का जल और नली-गली योजना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. 70 से 80% तक काम हो चुका है और समय से पहले हम लक्ष्य को पूरा कर लेंगे. जहां तक भ्रष्टाचार का सवाल है तो, जो भी भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और पैसे की रिकवरी भी की जाएगी"- सम्राट चौधरी, पंचायती राज मंत्री

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी

आम आदमी को भी बजट से अपेक्षा
पूर्व वित्त मंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि इस बार 23% कम रेवेन्यू केंद्र सरकार को मिला है. ऐसे में राज्यों की हिस्सेदारी पर भी प्रभाव पड़ेगा. आम आदमी को भी बजट से अपेक्षा है. वहीं स्थानीय जनार्दन जोगी का कहना है कि बजट ऐसा हो कि आम आदमी पर महंगाई की बोझ ना पड़े, लोगों को रोजगार मिले और किसानों का हित हो.

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