पटना: राजधानी में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. प्रतिदिन 300 से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं. ऐसे में अगर किसी इलाके में कोई संक्रमित मिल रहा है या इलाके को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जा रहा है तो आसपास के लोगों में कोरोना का भय व्याप्त हो जा रहा है. नतीजतन सभी लोग कोरोना जांच कराने के लिए बेचैन नजर आ रहे हैं.
ऐसे में पटना के सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा है कि सभी को कोविड-19 का टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है.
डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा कि लोगों के बीच कोरोना को लेकर पैनिक स्थिति बनी हुई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आज अगर किसी आदमी की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो यह संभव है कि 2 दिनों बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाए. ऐसा इसलिए है क्योंकि अभी संक्रमण तेजी से फैल रहा है और संक्रमण सामाजिक स्तर तक फैल चुका है. उन्होंने कहा कि अभी के समय में ऐसा कोई टेस्ट नहीं है जिसे करा लेने के बाद आदमी खुद को सुरक्षित महसूस कर सके.
लक्षण दिखने पर ही कराएं जांच
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा कि जहां तक कोरोना जांच का मामला है तो जांच उन्हें ही करानी चाहिए जिन्हें लक्षण महसूस हो. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर किसी को 3 दिन से ज्यादा से हाई फीवर है और सामान्य दवा से वह नहीं ठीक हो पा रहे हैं. या फिर सर्दी-खांसी ज्यादा है, सांस लेने में तकलीफ की स्थिति है तो उन्हें पहले चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए. नहीं ठीक होने पर ही कोरोना जांच कराना चाहिए.
भ्रम दूर करने के लिए कोरोना टेस्ट कराना गलत
पटना सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा कि अगर किसी को कोई लक्षण नहीं है और यदि वह सिर्फ अपने मन का भ्रम दूर करने के लिए कोरोना जांच करवाना चाहते हैं तो यह गलत है. साथ ही यह पूरी तरह से सरकारी संसाधन का दुरुपयोग है. उन्होंने कहा कि जो जरूरतमंद है और जिन्हें इलाज की आवश्यकता है उन्हें ही कोरोना टेस्ट कराना चाहिए.