बिहार

bihar

ETV Bharat / state

SCADA के जरिए अब बिहार में बिजली चोरी पर लगेगा अंकुश, हर जिले में एक विशेष इकाई रखेगी निगरानी

अब बिजली चोरी रोकने के लिए ऑनलाइन निगरानी (online surveillance system) रखी जाएगी. इसके तहत हर जिले में एक विशेष इकाई काम करेगी. शिकायत मिलने पर कंपनी के आला अधिकारियों को सूचना देकर दोषी कर्मियों पर कार्रवाई की जा सकेगी. पढ़ें पूरी खबर...

बिजली चोरी रोकने के लिए ऑनलाइन निगरानी
बिजली चोरी रोकने के लिए ऑनलाइन निगरानी

By

Published : Apr 30, 2022, 8:22 PM IST

पटना:बिहार में बिजली चोरी (electricity theft in bihar) को रोकने के लिए अब बिहार में ऑनलाइन पहरेदारी सिस्टम (online paharedari system) बनाया गया है. इस सिस्टम के जरिए एक रूम में बैठकर यह आसानी से पता लगा लिया जाएगा कि किस स्थान पर किस व्यक्ति द्वारा बिजली की चोरी की जा रही है. हर जिले में एक विशेष इकाई काम करेगी. इस विशेष इकाई के मुख्य अधिकारी अधीक्षण अभियंता होंगे. उनके अधीन कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता होंगे.

ये भी पढ़ें:Power Crisis: झुलसाती गर्मी के बीच बड़ा दावा- 'बिहार में बिजली की कटौती कम है'

बिजली चोरी रोकने की कोशिशि:बिजली कंपनी सप्लाई के अलावा बिजली चोरों के खिलाफ छापेमारी किया करती है लेकिन इस पर पूरी तरीके से अंकुश लग पाना मुश्किल है. जिस कारण से बिजली कंपनी ने गया, भागलपुर, बिहारशरीफ, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया व दरभंगा में स्काडा सेंटर बनाया है. जिससे राज्य में हो रही बिजली आपूर्ति की रियल टाइम निगरानी होगी और उपभोक्ताओं की ओर से की जाने वाली चोरी के साथ-साथ कंपनी के कर्मियों की ओर से किए जा रहे गलत कार्यों पर भी यह नजर रखेगा.

दोषी कर्मियों पर होगी कार्रवाई:वहीं, शिकायत मिलने पर कंपनी के आला अधिकारियों को सूचना देकर दोषी कर्मियों पर कार्रवाई की जा सकेगी. बिहार में अभी 30 फीसदी से अधिक बिजली का नुकसान है. इसमें तकनीकी व व्यवसायिक, दोनों नुकसान शामिल हैं. जिससे कंपनी को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. नुकसान के कारण ही बिजली कंपनी को राज्य सरकार से हर साल हजारों करोड़ का अनुदान भी लेना पड़ता है . स्कॉडा कैडर बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. हालांकि बिजली चोरी रोकने के लिए और उपभोक्ताओं को डिजिटल बनाने के लिए बिहार में प्रीपेड मीटर लगाया जा रहा है, जिससे कि उपभोक्ता अपने इच्छा अनुरूप बिजली की खपत कर सकते हैं. साथ ही साथ बिजली चोरी पर भी अंकुश लगेगा.

ऑनलाइन पहरेदारी सिस्टम: बात करें तो प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम जारी है. लगभग 23 लाख उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लग चुका है. बता दे कि बिजली कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 17 हजार 581 करोड़ की बिजली की खरीदारी की थी. इसमें से 25 फीसदी की चोरी यानी 4395 करोड़ रुपए की बिजली चोरी हो गई. बिजली कंपनी के मुताबिक उपभोक्ताओं की संख्या एक करोड़ 70 लाख तक पहुंच गई है. ऐसे में बिजली चोरी भी लगातार बढ़ती जा रही है. इसलिए स्कॉडा का गठन किया गया है जिस से बिजली चोरी पर अंकुश लग सके और बिजली कंपनी अपने घाटे से उबर सके.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP


ABOUT THE AUTHOR

...view details