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बिहार में शराबबंदी की माफियाओं ने फिर खोली पोल, जहरीली शराब से 13 लोगों की मौत

बिहार सरकार के ड्राई स्टेट की दावों की शराब माफियाओं ने एक बार फिर पोल खोलकर रख दी. एक बार फिर शराबबंदी का राग आलापने वाली नीतीश सरकार के नाक के नीचे ही शराब ने कई जिंदगियों को छीन लिया. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
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Published : Mar 31, 2021, 10:48 PM IST

पटना:बिहारको ड्राई स्टेट बनाने में नीतीश सरकार फिसड्डी साबित होती दिख रही है. बिहार में शराब तस्करी के चलते लोगों तक शराब पहुंच रही है. जहरीली शराबआए दिन लोगों की जिंदगी छीन रही है. मृतकों के परिजन खुद शराब पीने से मौत होने की बात कबूल कर रहे हैं, ऐसे में नीतीश सरकार की पूर्ण शराबबंदी एक बार फिर सवालों के घेरे में है.

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शराब ने फिर लील ली जिंदगी
नवादाजिले के गोंदपुर और खरीदी बिगहा में 6 लोगों की संदेहास्पद मौत हो गई है. कई अन्य अस्पताल में भर्ती है. आशंका जताई जा रही है कि जहरीली शराब पीने के कारण ही ये मौते हुई हैं. हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है. मृतकों के परिजनों ने शराब से मौत होने की बात कबूल की है.

''सभी ने होली के दिन शराब पी थी. इसके बाद से ही इनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई''-मृतक के परिजन

शराबबंदी के दावे साबित हो रहे खोखले

शराबबंदी के दावे साबित हो रहे खोखले
रोहतास में भी एक बार फिर शराब ने कहर बरपाया है. दरअसल, इस बार होली के मौके पर जहरीली शराब पीकर 4 लोगों की मौत की खबर सामने आई है. परिजन भी खुलकर कह रहे हैं कि उनके लोगों की शराब पीकर मौत हुई हैं. मृतक की पहचान जिले के चवरी गांव निवासी राम अवतार राम, कोचस के मनोज राम और विनोद चौहान, कंजर गांव में राजेश चौहान के रूप में हुई है.

''मेरे पति ने शराब पी रखी थी. शराब पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल ले गए. अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंन दम तोड़ दिया''- पत्नी, मृतक राम अवतार राम

शराब ने फिर लील ली जिंदगी

कब तक मौत बांटती रहेगी शराब?
पूर्ण शराबबंदी के बावजूद बेगूसराय जिलेमें भी शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है. जहरीली शराब पीने से जिले में दो व्यक्तियों की मौत हो गई है. वहीं, एक व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है. इस घटना के बाद गांव में दहशत फैल गया है. घटना बखरी थाना क्षेत्र के गोरियारी गांव की है. मृतकों की पहचान गोरीयारी निवासी राजकुमार सहनी और सकलदेव चौधरी के रूप में की गई है. वहीं, गंभीर व्यक्ति का नाम बिरजू सहनी है.

''शराब पीने से मौत के मामले की सूचना है. मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पायेगा''-अशोक कुमार गुप्ता, एसडीओ, बखरी

देखिए रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर में एक ने गंवाई जान
मुजफ्फरपुर जिले केथाना क्षेत्र के ईटहा रसूल नगर गांव में सोमवार की रात एक शख्स की संदिग्ध मौत हो गई. घटना के बाद मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक की पहचान 25 वर्षीय अशोक कुमार उर्फ सुजीत के रूप में हुई है. यहां भी शरबा पीने से ही मौत बताई जा रही है. वहीं, घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया है.

'28 मार्च को गांव के ही धर्मेंद्र कुमार ने अपनी गाड़ी से बेटे को अपने ससुराल ले गया था. धर्मेंद्र कुमार ने उसे वहां शराब पिलाई. सुबह में लौटने के बाद अशोक की तबीयत खराब हो गई. उसे कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था. निजी नर्सिंग होम में करीब 8 घंटे तक इलाज के बाद उसकी मौत हो गई.'- रामनाथ राय, मृतक के पिता

शराबबंदी पर सियासत शुरू
वहीं, अब पूरे मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है. आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजकने सत्तापक्ष के लोगों पर शराब तस्करों को संरक्षण देने का आरोप लगाया, जिस पर बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल बैकफुट पर दिखे और पूरे मामले की जांच की बात कहने लगे.

श्याम रजक, राष्ट्रीय महासचिव, आरजेडी

''सत्ता में बैठे लोग शराब तस्कर को संरक्षण भी दे रहे हैं और यही कारण है कि बिहार में शराब का धंधा फल-फूल रहा है. अमीर लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती लेकिन गरीब जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं''- श्याम रजक, राष्ट्रीय महासचिव, आरजेडी

संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, बिहार

''जिन्होंने भी जहरीली शराब बेचा है उसकी जांच होनी चाहिए.दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और जहां ये घटना हुई है वहां के वरीय पुलिस अधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए''- संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, बिहार

वहीं, बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी. जिस पर पलटवार करते हुए भाकपा माले ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर शराब की होम डिलीवरी कराई जा रही है.

श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री

''सरकार शराबबंदी को लेकर काफी सख्त है. शराब माफियाओं के खिलाफ न केवल बिहार में ही नहीं बल्कि बिहार से बाहर दूसरे राज्यों में भी छापेमारी हो रही है और गिरफ्तारी की जा रही है''- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री

कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा माले

''शराबबंदी के नाम पर शराब की होम डिलीवरी कराई जा रही है, घर-घर शराब पहुंचाई जा रही है. सरकार कार्रवाई करने के नाम पर शराब माफिया को पकड़ने के बजाय आम लोगों को प्रताड़ित करती है और उन्हें फंसाया जाता है''-कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा माले

बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है लेकिन नकली शराब पीने से मौत भी हो रही है. बिहार सरकार के ड्राई स्टेट की दावों की शराब माफियाओं ने एक बार फिर पोल खोलकर रख दी. एक बार फिर शराबबंदी का राग आलापने वाली नीतीश सरकार के नाक के नीचे ही शराब ने कई जिंदगियों को छीन लिया. विपक्ष की ओर से भी लगातार शराबबंदी में सरकार के फेल होने की बात कही जाती रही है. विपक्ष बिहार में खुलेआम शराब बिक्री की बात कहता रहा है.

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