पटनाःबीते दिनों कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित अल्बर्ट एक्का स्मारक भवन के सामने मौजूद भवन की जर्जर दीवार गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई और इस घटना में दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए. जिन्हें इलाज के लिए पटना पीएमसीएच में भर्ती काराया गया लेकिन उनका इलाज सही तरीके से नहीं हो रहा है.
इलाज का खर्चा नहीं उठा रही सरकार
इस हादसे में घायल दोनों बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. घटना में घायल दोनों बच्चों कि नानी उमा देवी कहती हैं कि घटना के बाद मौके पर पहुंचे आला अधिकारियों ने बताया था कि उनके बच्चे का इलाज सरकारी खर्च पर होगा. लेकिन सरकार उनके बच्चों के इलाज का खर्च नहीं उठा रही है.
हालात यह है की पटना के पीएमसीएच में गंभीर हालत में भर्ती दोनों बच्चों के इलाज में पीएमसीएच प्रशासन कोताही बरत रहा है. घायल बच्चे पटना के पीएमसीएच में 2 दिनों से गंभीर हालत में भर्ती हैं. अभी तक उन घायल बच्चों का अल्ट्रासाउंड तक नहीं किया गया है.
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जर्जर भवन बना नशेड़ियों का अड्डा
दरअसल जिस परिसर में यह दुर्घटना हुई परिसर में पुलिस भवन का निर्माण कार्य चल रहा है. ये भी खबर मिली है कि इस परिसर में मौजूद जर्जर भवन नशेड़ियों और स्मैकियर्स का अड्डा बन गया है. परिसर में मौजूद कर्मचारी बताते हैं कि आए दिन कमला नेहरू नगर के लोग इस जर्जर भवन के अंदर ड्रग्स और चरस का सेवन करते हैं.
दीवार फांदकर कर आते हैं नशेड़ी
गौरतलब हो की अल्बर्ट एक्का स्मारक स्थल पर पुलिस भवन का निर्माण कार्य चल रहा है. यहां मौजूद लोग बताते हैं कि आए दिन नशे की गिरफ्त में आए युवक इस जर्जर भवन की आड़ में ड्रग्स और चरस का सेवन करते हैं. बेरोकटोक दीवार फांदकर कर इस परिसर में घुसते हैं और यहां बैठकर घंटों नशे का सेवन करते हैं.
सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर जब उस परिसर में निर्माण कार्य चल रहा है तो वहां मौजूद सरकारी अधिकारी इस जर्जर भवन में बैठकर नशा करने वाले लोगों पर लगाम क्यों नहीं लगाते.