पटनाःबिहार में अगले कुछ दिनों तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (Monsoon getting stronger in Bihar) के सक्रिय रहने के आसार नजर आ रहे हैं. मॉनसून ने बिहार को पूरी तरह से कवर कर लिया है. मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के 38 जिलों में भारी बारिश वर्षा (Heavy Rain alert In Bihar), बिजली चमकने और वज्रपात को लेकर 72 घंटों का अलर्ट जारी किया है. पिछले 48 घंटे में बिहार में वज्रपात से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.
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दो जुलाई तक भारी बारिश की संभावनाः मौसम विभाग के अनुसार, दो जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और शिवहर जिले के कुछ भागों में दो से तीन घंटे में मध्यम दर्जे की बारिश होगी. इसके साथ ही मेघ गर्जन और वज्रपात के भी आसार हैं. विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार दो जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है. राजधानी पटना में सुबह से ही बारिश हो रही है. वहीं, बुधवार को प्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा हुई है. कहीं सड़कें डूब गईं तो कहीं अस्पताल में पानी भर गया. हाजीपुर, दरभंगा, पटना समेत कई जिलों से इसकी तस्वीरें देखने को मिलीं.
मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट:आपको बता दें कि मौसम विभाग ने एक दिन पहले ही बिहार के 18 जिलों में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert in Bihar) जारी किया है. साथ ही लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई हैं. आपदा विभाग के मुताबिक, तेज बारिश के समय पक्के मकान में छिप जाएं. पेड़ और खाली स्थान से दूर रहें. आकाशीय बिजली ज्यादातर बरसात के दिनों में गिरती है. इसकी चपेट में वो लोग आते हैं जो खुले आसमान के नीचे, बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे खड़े रहते हैं. साथ ही, पानी के करीब होते हैं या बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक होते हैं.
बिजली गिरने पर क्या करेंःसिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं. जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.
क्या होती है आकाशीय बिजली :कड़क के साथ आसमान से गिरने वाली बिजली को तड़ित कहते हैं. अंग्रेजी में इसे लाइटनिंग कहते हैं. आकाश में बादलों के बीच तब टक्कर होती है, यानि घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलती है, ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. इस दौरान हमें तेज़ कड़क आवाज़ सुनाई देती है और बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं. आकाशीय बिजली के गिरने से लोगों की इंसानों के साथ पशु-पक्षियों तक की मौत हो जाती है, हरे पेड़ तक गिर जाते हैं. लेकिन इस प्राकृतिक आपदा से बचाव संभव है.
आसमान मे बिजली कैसे बनती है ? :इन बादलों के अंदर गर्म हवा के कण ऊपर बढ़ना चाहते हैं और इस दौरान ठंडी हवाओं के क्रिस्टल से वे टकराते हैं और इससे बिजली की चमक पैदा होती है. बादलों के बीच होने वाली टकराहट इतनी जोरदार होती है कि इससे पैदा होने वाली बिजली सूर्य की सतह से तीन गुना गर्म होती है. इस दौरान तेज गड़गड़ाहट की आवाज भी उत्पन्न होती है. तेज आवाज और बिजली की चमक के साथ तेज बारिश भी होती है.
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