किसान चाची ने अचार की बताई औषधीय गुण पटना:बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने खादी मॉल में संवाद श्रृंखला की शुरुआत (Dialogue series started in Khadi Mall In Patna) की है. प्रथम कार्यक्रम में पद्मश्री राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची (Padmashree Kisan Chachi) ने अचार के औषधीय गुण विषय पर अपनी राय बताई. उन्होंने बताया कि अचार प्रतिदिन खाना चाहिए. लेकिन कम मात्रा में खाना चाहिए. सप्ताह में सातों दिन बदल-बदल कर अलग-अलग किस्म का अचार खाना चाहिए और खिचड़ी के साथ मिक्स अचार खाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अचार अशुभ नहीं होता. यह बात अलग है कि यात्रा पर जाने से पहले लोग दही खाना पसंद करते हैं और अचार नहीं खाते.
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किसान चाची ने अचार के औषधीय गुण बताए :किसान चाची ने अचार के औषधीय गुण बताए. अचार को भोजन प्रारंभ करने के समय और भोजन के बीच-बीच में खाना चाहिए ताकि मुंह में ज्यादा मात्रा में लार बनता रहे. संवाद कार्यक्रम में किसान चाची ने अपनी संघर्ष यात्रा के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 से वह अचार, मुरब्बा, पापड़, बड़ी आदि बना रही हैं. पहले वह ढिबरी जला कर के इन चीजों की पैकिंग करती थी और साइकिल पर एक गांव से दूसरे गांव जाती थी और इन सामानों को बेचती थी. गांव के कई लोग ताना भी मारा करते थे. इसमें कई बार बहुत परेशान भी हो जाया करती थी. लेकिन आर्थिक मजबूरियां ऐसी थी कि हमने हिम्मत नहीं हारा. बाद में मेरे काम की सराहना पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने की.
'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मेरे घर आए. अमिताभ बच्चन ने भी तीन बार अपने घर पर बुलाकर मुझे सम्मानित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक बार गुजरात में और एक बार दिल्ली में सम्मानित किया. पहले जो लोग ताना मारा करते थे, वही अब मुझे गांव और जिला का गौरव मानते हैं. अब मैं साइकिल पर घूम-घूम कर अचार नहीं बेचती हूं. उम्र ज्यादा हो गई है और कारोबार भी बढ़ गया है. अब मैं खादी मॉल और बिस्कोमान के माध्यम से अचार बेचती हूं. अब कंपनी का टर्नओवर बढ़कर लगभग 30 लाख रुपया का हो गया है.'- पद्मश्री किसान चाची, उद्यमी
किसान चाची ने उद्यमियों के दिए संदेश : खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में काम करने तथा किसानों को आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए किसान चाची को 2019 में भारत के पूर्व महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्मश्री प्राप्त हुआ. किसान चाची कहती हैं कि वो घर की आर्थिक जरुरतों को पूरा करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आईं. बाकी जो पहचान और सम्मान मिला वह भगवान की कृपा और बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद है. किसान चाची ने नई पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष की जरूरत होती है. संघर्ष से मत घबराइए, नए रास्ते की तलाश कीजिए, पैसे के पीछे भागने से करियर नष्ट हो जाता है. यदि हम पूरी लगन से और ईमानदारी से काम करें तो पैसा भी प्राप्त होता है और पहचान भी मिलती है.
खादी मॉल में संवाद श्रृंखला की शुरुआत :बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्यकार्यपालक अधिकारी दिलीप कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि किसान चाची अपनी आचार को लेकर के पहचान बनाई हैं. और आज किसान चाची अच्छा बिजनेस भी कर रही हैं. इनके आचार की कायल आज दुनिया के लोग हैं. उन्होंने कहा कि बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक खादी ग्रामोद्योग को पहुंचाया जा सके. इसी कड़ी में ग्रामीण क्षेत्र के छोटे-छोटे उद्यमी या जो रोजगार लगाना चाहते हैं उनको मदद किया जाए. उनके लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना चलाया जा रहा है. जिससे की लोगों को रोजगार करने में मदद मिले. छोटे-छोटे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उद्योग विभाग भी पूरी तरीके से दृढ़ संकल्पित है. लोकल से ग्लोबल तक पहुंचाने का प्रयास जो है वह विभाग के द्वारा किया जा रहा है.