पटना:बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Cases In Bihar) की दर कम होने के साथ ही निजी स्कूलों के एसोसिएशन स्कूलों को पुन: खोलने की मांग (Reopen Schools In Bihar) कर रहे हैं. लेकिन शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बारे में फैसला सिर्फ क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (CMG) की बैठक में ही संभव होगा. यह बैठक 5 या 6 अगस्त को होने की आशंका जताई जा रही है.
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बिहार में निजी स्कूल एसोसिएशन कक्षा 1 से 10 तक के स्कूल खोलने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अब कोरोना की स्थिति सामान्य हो गई हैं. बच्चों की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित न हो इसे ध्यान मे रखते हुए सरकार को स्कूल खोलने का आदेश दे दना चाहिए.
आपको बता दें कि बिहार में 12 जुलाई से कक्षा 11वीं और 12वीं के साथ ही कॉलेज खोले जा चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने पहले यह स्पष्ट किया था कि स्कूल कॉलेज खोलने से पहले कोरोना संक्रमण की स्थिति देखी जाएगी. उसके बाद ही स्कूल खोले जाे पर निर्णय लिया जाएगा.
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बिहार में चरणबद्ध तरीके से स्कूल और कॉलेज खुलने हैं. सबसे पहले हायर एजुकेशन से जुड़े स्कूल और कॉलेजों को खोला गया है. लेकिन अब तक कक्षा 1 से 10 तक के स्कूल बंद हैं. कोचिंग संस्थान भी अब तक नहीं खुले हैं. बता दें कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (Crisis Management Group ) में आपदा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग मिलकर तमाम परिस्थितियों के मद्देनजर फैसला करता है.
'क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक 6 अगस्त को संभावित है. बैठक में इस बात पर फैसला होगा कि कक्षा 1 से 10 तक के स्कूलों को खोलना है या नहीं.'-संजय कुमार, अपर मुख्य शिक्षा सचिव
स्कूल खोलने के मामले परएम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बयान दिया है कि अब स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि स्कूलों को फिर से खोलने पर सहमत हो जाना चाहिए. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि स्कूल खुलने के कारण बच्चों के लिए सिर्फ सामान्य जीवन देना नहीं बल्कि एक बच्चे के समग्र विकास में स्कूली शिक्षा का महत्व बहुत मायने रखता है. उन्होंने आगे कहा कि ऑनलाइन क्लास से ज्यादा बच्चों का स्कूल जाना जरूरी है. भारत में अन्य देशों की तुलना में कोरोना से संक्रमित बच्चों के मामले बहुत कम है.