पटना: बिहार में कांग्रेस राष्ट्रीय जनता दल से पीछा छुड़ाने की फिराक में है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद तो कुछ नेताओं ने खुलकर इसके बारे में बयान भी दिया था. इनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह भी शामिल थे. हालांकि इसके बाद अब उन लोगों ने चुप्पी साध ली है. अब बस उन्हें मौके का इंतजार है.
कांग्रेस और राजद के बीच मनमुटाव की चर्चा जोरों पर
लोकसभा चुनाव में बिहार में राजद का सफाया क्या हुआ सभी सहयोगी दलों ने राजद से मुंह फेर लिया. इनमें सबसे ऊपर नाम कांग्रेस का है. नतीजों के पहले से ही कांग्रेस और राजद के बीच मनमुटाव की चर्चा जोरों पर थी. सुपौल समेत कई जगहों पर तो दोनों दलों के प्रत्याशी आपस में ही उलझ पड़े थे. लेकिन जब नतीजे आए उसके बाद तो शकील अहमद और सदानंद सिंह समेत कई बड़े नेताओं ने भी खुलकर कहा कि उन्हें राजद के साथ गठबंधन का खामियाजा भुगतना पड़ा है. अब कांग्रेस को अकेले ही अगला चुनाव लड़ना चाहिए.
तेजस्वी यादव समीक्षा बैठक के बाद से हैं लापता
हालांकि इस बारे में कांग्रेस आलाकमान की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. इधर जब राजद ने महागठबंधन की बैठक बुलाई उसमें भी कांग्रेस के नेता नहीं पहुंचे. जिसके बाद तेजस्वी यादव को सफाई देनी पड़ी कि स्थानीय नेताओं से क्या बात करना है हमारी बात तो सीधे राहुल गांधी से हो रही है. इस बात को भी अब काफी समय बीत चुका है. लेकिन अब तक तेजस्वी और राहुल गांधी के बीच मुलाकात की कोई खबर नहीं आई है. तेजस्वी यादव तो समीक्षा बैठक के बाद से ही लापता हैं. यहां तक कि वह भोला यादव की बेटी की शादी में भी 10 जून को दिल्ली नहीं पहुंचे.
कांग्रेस के नेता कैमरे के सामने बोलने से कर रहे हैं इंकार
इधर कांग्रेस के नेता फिलहाल कुछ भी कैमरे के सामने बोलने से इंकार कर रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा की मानें तो अब भी कांग्रेस में कई लेवल की बैठक होनी है. जिनमें जिलाध्यक्ष, विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा होगी. इस चर्चा के आधार पर पूरी रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी जाएगी. जिसके बाद ही फैसला होगा कि बिहार में कांग्रेस किस तरह आगे बढ़ेगी.