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पटना में कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च, आंदोलन में मारे गए किसानों को दी गई श्रद्धांजलि

बिहार के पटना में कांग्रेस ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा के बाद शनिवार को उन किसानों की याद में कैंडल मार्च (Candle March In Patna) निकाला, जिनकी आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी. पढ़ें पूरी खबर..

Congress Candle March In Patna
Congress Candle March In Patna

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Published : Nov 20, 2021, 8:10 PM IST

पटना:पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi ) द्वारा किसान कानून वापस (Withdrawal Of Agricultural Laws) लिए जाने के बाद एक ओर जहां किसान संगठनों में खुशी देखी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टी भी इस मामले में अपनी खुशी का इजहार खुलकर करती नजर आ रही है. इसी कड़ी में बिहार कांग्रेस (Bihar Congress) के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) के नेतृत्व में पटना के गांधी मैदान गेट नंबर 1 से कारगिल चौक (Kargil Chowk Patna) तक कैंडल मार्च (Congress Candle March In Patna ) निकाला गया.

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कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों के मौत मामले को लेकर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस ने कैंडल मार्च निकाला. जिसमें सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता और नेताओं ने भाग लिया. पटना के गांधी मैदान (Gandhi Maidan Patna) गेट नंबर 1 से निकाले गए कैंडल मार्च के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

आंदोलन में मारे गए किसानों को कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि

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कैंडल मार्च के जरिए किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई. नेताओं व कार्यकर्ताओं ने हाथों में कैंडल थाम कर मारे गए किसानों के परिवार के सुख दुख में साथ रहने की कसमें भी खाई. वहीं बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने ईटीवी भारत (ETV Bharat) से बात करते हुए बताया कि जिस तरह महीनों चले किसान आंदोलन के दौरान किसानों की आवाज को केंद्र सरकार ने दबाने का कार्य किया था, उससे किसान डरने वाला नहीं है. इस आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए यह कैंडल मार्च निकाला गया है.

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गौरतलब है कि शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. शुक्रवार को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि "मैं देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे."

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