पटना: केंद्रीय टीम आज बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने आ रही है, जो दोपहर बाद पटना एयरपोर्ट पहुंचेगी. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव रमेश गंधा के नेतृत्व में 6 सदस्यीय टीम आ रही है. केंद्रीय टीम सीतामढ़ी, दरभंगा और मधुबनी का दौरा करेगी.
बता दें कि बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई को लेकर राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा है. इसमें 2700 करोड़ राशि की मांग की गई है. इसमें सबसे अधिक राशि 1555 करोड़ आपदा पीड़ितों के लिये है.
बाढ़ से हुई भारी क्षति
बाढ़ पीड़ितों के खाते में 6-6 हजार रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा कृषि नुकसान के लिए 353 करोड़ और सड़कों के नुकसान के लिए 200 करोड़ की राशि है. जल संसाधन और ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से भी राशि की मांग की गई है. बता दें कि बिहार में इस बार बाढ़ से 13 जिलों के 80 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. 160 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. बाढ़ के कारण सड़कों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. फसल को भी नुकसान हुआ है.
पानी के धार में बह गई सड़क 1300 से अधिक पंचायत बाढ़ से हुए प्रभावित
बाढ़ से प्राभावित जिलों में अररिया, किशनगंज, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया और पश्चिम चंपारण को काफी नुकसान हुआ है. बाढ़ से जिनकी मौत हुई उनके परिजनों को चार-चार लाख रुपये और बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को छह-छह हजार रुपये दिए गए हैं. इस साल 1300 से अधिक पंचायत बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. कई जगह खेत में बालू की मोटी परत जम गई है, जिसे हटाए बिना कृषि करना असंभव है. उस पर भी बड़ी राशि खर्च होगी.
पहले भी बिहार सरकार ने मांगी थी मदद
गौरतलब है कि बिहार सरकार की ओर से 2017 में भी 7600 करोड़ की मांग केंद्र से की गई थी. लेकिन केंद्र ने केवल 1700 करोड़ की राशि ही बिहार सरकार को दी थी. उससे पहले भी 2013, 2015 और 2016 में बिहार सरकार ने बाढ़ और अन्य आपदा से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिये केंद्र से मांग की थी, लेकिन बिहार को कुछ भी नहीं मिला था. अब बिहार सरकार ने एक बार फिर केंद्र से मदद राशि की मांग की है.