पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग को मेंटेनेंस पॉलिसी पर सबसे ज्यादा जोर देने का निर्देश दिया है. जिसके बाद बिहार में 13 हजार से अधिक किलोमीटर की लंबाई में सड़कों का मेंटेनेंस अलग-अलग एजेंसियों को दिया गया है. इस पर सरकार लगभग 1000 करोड़ की राशि खर्च करेगी इस साल बजट में भी इसका विशेष रूप से प्रावधान होगा.
13 हजार किलोमीटर सड़कों का मेंटेनेंस
बिहार में 13063.26 किलोमीटर सड़कोंके मेंटेनेंस की तैयारी सरकार की ओर से है. दक्षिण बिहार की 5331.65 किलोमीटर सड़कों पर 3100 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी. वहीं, उत्तर बिहार की 7700 किलोमीटर से अधिक की लंबाई की सड़कों पर 3600 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी.
सड़क मेंटेनेंस पर सरकार का फोकस बजट में 1000 करोड़ की राशि का प्रावधान
पथ निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 2021-22 में 1000 करोड़ रुपए की राशि का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है. इससे पहले ये राशि 575 करोड़ थी. जिसे विभाग ने पर्याप्त नहीं माना है और इस बार के बजट में 1000 करोड़ की राशि का प्रावधान सड़कों की मरम्मत के लिए किया जा सकता है.
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सड़क की गुणवत्ता बनाए रखना मकसद
नीतीश सरकार ने मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत सड़कों का निर्माण करने वाली एजेंसी को ही 7 साल तक रखरखाव भी करना होगा. ओपीआरएमसी पॉलिसी के तहत प्रावधान है सरकार इसका मॉनिटरिंग भी करवाती है. विभाग के आला अधिकारी और इंजीनियर लगातार इस पर नजर भी रख रहे हैं. निगरानी के लिए विभाग के स्तर पर मुख्यालय से ब्लॉक लेवल तक जांच उड़नदस्ता के माध्यम से की जाती है. पथ निर्माण की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए बिहार सरकार ने ये फैसला लिया है.
रोड सेक्टर पर सरकार का विशेष ध्यान
सरकार ने जो मेंटेनेंस पॉलिसी बनाई है उसमें यह प्रावधान है कि त्रुटि पाए जाने पर 40% तक की राशि कटौती हो सकती है. पथ निर्माण विभाग ने जो तैयारी कर रखी है उसके हिसाब से अगले 7 साल तक 67 सौ करोड़ से अधिक की राशि केवल मेंटेनेंस पर खर्च होने वाली है जो रिकॉर्ड है. बिहार सरकार पथ निर्माण के क्षेत्र में सबसे ज्यादा राशि खर्च भी कर रही है.
सड़क मेंटेनेंस में बड़ी राशि खर्च कई परियोजनाओं पर हो रहा काम
प्रधानमंत्री पैकेज का बड़ा हिस्सा पथ निर्माण के क्षेत्र में ही खर्च हो रहा है. नदियों पर कई बड़ी पुल की परियोजना तैयार हो गई है, तो कई परियोजना चल रही है. हाल ही में और ब्लॉक दिखाओ पद का निर्माण भी किया गया है. सरकार ने भी बिहार के सुदूर इलाकों से पटना पहुंचने का लक्ष्य 6 घंटा से घटाकर अब 5 घंटा कर दिया है. तो उसको लेकर भी कई बड़ी परियोजना आने वाले दिनों में शुरू होगी.