पटना:बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोजपा ने एनडीए से अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया. हालांकि वो बीजेपी के साथ होने का दावा कर रही है. लोजपा 143 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसी वजह से बिहार की राजनीति में चिराग फैक्टर के कारण राजनीतिक दलों में बैचेनी है. एक तरफ बीजेपी कह रही है कि वो चुनाव के बाद इसको लेकर बात करेगी. वहीं, आरजेडी भी चिराग को लेकर कुछ कहने से परहेज कर रही है.
बता दें कि चिराग पासवान इस समय बीजेपी और आरजेडी के लिए एक्स फैक्टर बन चुके हैं. दोनों दलों से चिराग नजदीकियां बढ़ा रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि 10 नवंबर के बाद चिराग पासवान किसके काम आएंगे. लोजपा राज्य में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इससे लगता है कि वो राज्य में सरकार बनाने में एक अहम भूमिका निभा सकती है.
चिराग का अपना टारगेट
हालांकि जब से चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया, तब से ही वो अपने इरादे और अपना टारगेट तय कर लिया है. जेडीयू को निशाने पर लेकर चल रहे चिराग ने बीजेपी के साथ अपने रिश्ते के बारे में खुलकर चर्चा की. उन्होंने यह एलान कर दिया है कि वो चुनाव के बाद भी बीजेपी के साथ रहेंगे और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे.
बीजेपी खुलकर जेडीयू के समर्थन में
चिराग के इस एलान के बाद से बीजेपी और जेडीयू के रिश्तों में खटास आ गई. इसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी ने खुलकर कहना शुरू कर दिया कि वो बिहार में सिर्फ हम, वीआईपी और जेडीयू के साथ हैं. लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह स्पष्ट कर दिया कि चुनाव के बाद लोजपा के साथ की बात चुनाव के बाद देखी जाएगी. इससे साफ है कि चुनाव के बाद बीजेपी, लोजपा के साथ जा भी सकती है.