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Nawada News: मॉर्निंग कोर्ट नहीं होने से अधिवक्ताओं में नाराजगी, जिला जज और हाईकोर्ट को भेजेगा आग्रह पत्र

नवादा में चिलचिलाती धूप और गर्मी से लोग परेशान हैं. वहीं सिविल कोर्ट का कामकाज प्रातःकालीन नहीं किये जाने से नाराज जिला अधिवक्ता संघ ने सोमवार को बैठक की. जिसमे यह निर्णय लिया गया कि मॉर्निंग कोर्ट शुरू करने के लिए एक पत्र जिला एवं सत्र न्यायाधीश और उच्च न्यायालय को भेजा जाएगा. ये भी पढ़ें :

नवादा में अधिवक्ताओं में नाराज
नवादा में अधिवक्ताओं में नाराज

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Published : Apr 3, 2023, 10:56 PM IST

नवादा:बिहार के नवादामें सिविल कोर्ट का कामकाज प्रातःकालीन नहीं किये जाने से नाराज जिला अधिवक्ता संघ ने सोमवार को बैठक (Angry advocate held a meeting in Nawada) की. बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष अरूण कुमार सिन्हा ने की. संघ के अध्यक्ष एवं महासचिव संत शरण शर्मा ने आम सभा उपस्थित अधिवक्ताओं के सहमति उपरांत यह निर्णय लिया कि पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी अदालती कार्य प्रातः कालीन किये जाने को लेकर एक पत्र जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं उच्च न्यायालय को भेजा जायेगा.

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11 अप्रैल को बैठक में बनाई जाएगी रणनीति:पूर्व की तरह माह अप्रैल, मई एवं जून में प्रातःकालीन अदालती कार्य नहीं किये जाने पर 11 अप्रैल को आमसभा आयोजित कर संघ द्वारा आगे की रणनीति तय की जायेगी. आयोजित सभा में सैकड़ों की सख्या में अधिवक्तागण मौजूद थे. जानकारी देते हुए संघ के सचिव ने बताया के प्रातःकालीन अदालती कार्य कराने के लिये संघष जारी रहेगा. आवश्यकता पड़ने पर हड़ताल करने पर भी विचार किया जायेगा.

प्लास्टिक के टेंट में बैठ कर काम करने को विवश :कोर्ट कैंपस में अधिवक्ताओं के बैठने की कोई व्यवस्था नही है. अधिवक्तागण गर्मी के दिनों में प्लास्टिक के टेंट में बैठ कर काम करने को विवश होते हैं. बाबजूद इसके उच्च न्यायालय ने इस साल प्रातःकालीन न्यायालय कार्य को समाप्त करने की घोषणा कर दी है, जिससे अधिवक्तों में रोष है.

अधिवक्ताओं के बैठने के लिये कोई व्यवस्था नहीं की गई: विगत 30 वर्षों से अधिक समय से गर्मी के दिनों में माह अप्रैल, मई एवं जून में अदालती कार्य अवधि प्रतःकालीन किया जाता था। किन्तु इस साल प्रातःकालीन नही किये जाने से अधिवक्ताओं में काफी रोष है. अधिवक्तागण पिछले 22 सालों से अधिक समय से प्लास्टिक के नीचे बैठ कर अदालती कार्य में सहयोग करते आ रहे हैं. लू के प्रकोप एवं बरसात के दिनों में अदालती कार्य करना अधिवक्ताओं के लिये चुनौति भरा कार्य है. सरकार के द्वारा अबतक अधिवक्ताओं के बैठने के लिये कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

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