मधुबनी:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लाख दावे कर लें, लेकिन, सूबे के हर दूसरे कॉलेज में सुविधाएं फेल दिख रही हैं. मधुबनी के ललित नारायण जनता महाविद्यालय झंझारपुर में बदहाली चरम पर है. यहां व्यवस्थाओं का घोर अभाव है. जिस कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.
इतने पद हैं स्वीकृत
ललित नारायण जनता महाविद्यालय झंझारपुर में प्रोफेसर के 41 पद स्वीकृत हैं. लेकिन, वर्तमान में महाविद्यालय में सिर्फ 6 प्रोफेसर ही हैं. वहीं, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के लिए 12 पद स्वीकृत हैं, जिसमें सिर्फ 8 कर्मचारी हैं. तृतीय वर्ग के कर्मचारी के 8 पद हैं. लेकिन, वर्तमान में 4 कर्मचारी ही है. इस महाविद्यालय में अभी तक 1893 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो चुका है और नामांकन बढ़ने की संभावना है.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट 1892 छात्रों पर केवल 6 टीचर
पिछले वर्ष इस महाविद्यालय में 1639 छात्रों ने अपना नामांकन किया था. यूजीसी के नियम के मुताबिक 40 छात्र पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है. लेकिन, 1892 छात्रों पर केवल 6 शिक्षक ही बहाल हैं. ऐसे में इस महाविद्यालय की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
कॉलेज परिसर में उग आए घास कुव्यवस्थाओं का लगा अंबार
हाल यह है कि महाविद्यालय में सिर्फ एडमिशन लिया जा रहा है और छात्रों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जा रहा है. छात्रों के मुकाबले शिक्षकों के पद काफी खाली हो चुका है. बदहाली इस कदर है कि महाविद्यालय की मकान भी काफी पुरानी हो चुका है. यहां की छत कभी भी गिर सकती है. समय-समय पर मकान की मरम्मत तो की जा रही है लेकिन, रंगाई-पुताई का काम सालों से नहीं हुआ है. कॉलेज प्रांगण में बड़े-बड़े घास उग गए हैं. लेकिन, कॉलेज प्रबंधन और सरकार बेसुध है.
केदारनाथ झा, प्रधानाचार्य