मधुबनी: जिले की एक युवती को कोरोना के इस संकट काल में प्रवासी मजदूरों की मदद करना महंगा पड़ने लगा है. प्रशासन की तरफ से उसे परेशान किया जा रहा है, जिससे वो दहशत में है. युवती प्रिया राज ने ईटीवी भारत को अपनी पूरी व्यथा सुनाई.
मामला जिले के हरलाखी प्रखंड स्थित मनोहरपुर पंचायत का है. बताया जा रहा है कि दूसरे राज्यों से इस गांव के प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान चोरी छुपे पहुंचे थे. प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर में ये सभी चार दिनों से रह रहे थे. लेकिन प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर इनके रहने के लिए कोई खास इंतजाम नहीं किया गया था. वो क्वारंटाइन सेंटर की कुव्यवस्था से परेशान थे. इसके बाद मजदूरों ने समाजसेवी प्रिया राज को मोबाइल पर अपनी दर्द सुनाई. युवती ने सभी प्रवासी मजदूरों के लिए अपने ही घर को क्वारंटाइन सेंटर बना दिया. 40 से ज्यादा प्रवासियों को अपने ही घर में सभी सुविधाएं देने लगी. इसको लेकर प्रखंड प्रशासन ने प्रिया राज को कानून का खौफ दिखाना शुरू कर दिया.
'प्रिया राज नहीं होती, तो मौत हो गई होती'
प्रवासी मजदूरों ने प्रिया राज की तरफ से की गई मदद को सराहनीय बताया. उन लोगों ने बताया कि प्रिया राज नहीं होती, तो सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में हम लोगों की मौत हो गई होती. प्रशासन की तरफ से वहां रहने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी. वहीं, प्रवासी मजदूरों की मददगार प्रिया राज ने ईटीवी भारत को बताया कि सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव कर रही है. सरकार छात्रों को बुलाकर उनको अपने घरों में रहने की इजाजत दी है. लेकिन मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. ये सरकार दोहरी नीति अपना रही है.
ब्रजेश ठाकुर के मुंह पर पोती थी कालिख
इस मामले को लेकर प्रखंड प्रमुख राजेश कुमार ने कहा कि प्रिया राज को किसी भी प्रकार की कोई धमकी नहीं दी गई है. वहीं, प्रिया राज धमकी मामले में जब बीडीओ अरुणा चौधरी से सवाल किया गया, तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के मुंह पर प्रिया राज ने कालिख पोती थी. इसके बाद वो काफी सुर्खियों में थी.