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किशनगंज: निजी पैथोलॉजी की बड़ी लापरवाही, मरीज को सौंपी गलत रिपोर्ट

जिले के नामी निजी पैथोलॉजी लैब में डॉक्टरों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, लैब में खून जांच कराने गए बुजुर्ग को पैथोलॉजिस्ट ने गलत रिपोर्ट थमा दी.

निजी पैथोलॉजी

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Published : Aug 18, 2019, 7:34 PM IST

किशनगंज:सीएम नीतीश कुमार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा होने के लाख दावे कर लें. लेकिन, सरकारी अस्पतालों, पीएचसी, हेल्थ सेंटर, लैब की असलियत किसी से छिपी नहीं है. जिस कारण बिहारवासियों को मजबूरन निजी अस्पतालों और परीक्षण केंद्रों की ओर रुख करना पड़ता है. इन लैब और अस्पतालों में मरीज को इलाज के नाम पर लूटा जाता है. अधिकतर लैब तो अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं.

आपबीती सुनाता बुजुर्ग मरीज का बेटा

जिले के नामी पैथोलॉजी लैब में कर्मचारियों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, लैब में खून जांच कराने गए बुजुर्ग को पैथोलॉजिस्ट ने गलत रिपोर्ट थमा दी. इस बात का खुलासा तब हुआ जब बुजुर्ग के परिजनों ने दूसरी जगह जांच कराई. इस घटना के बाद भी लैब के पैथोलॉजिस्ट अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हैं.

डॉक्टर और सिविल सर्जन

गलत रिपोर्ट थमाई
पैसे कमाने के चक्कर में जिले के एक निजी पैथोलॉजी लैब ने एक बुजुर्ग मरीज को गलत रिपोर्ट थमा दी. दरअसल, 65 वर्षीय हरी लाल दास निजी पैथोलॉजी में अपना ऑस्ट्रेलिया एंटीजेन जांच करवाने गए थे. लेकिन, पैथोलॉजिस्ट ने उन्हें हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव का रिपोर्ट थमा दिया. बुजुर्ग के परिजनों को जब इस रिपोर्ट पर भरोसा नहीं हुआ तो उन्होंने शहर के अन्य दो लैबों में फिर से जांच करवाया. वहां से मिली लैब रिपोर्ट में हेपेटाइटिस बी नेगेटिव सामने आया.

जांच करते पैथोलॉजिस्ट

'डस्टबिन टेस्ट' कर सौंपी जा रही रिपोर्ट
लोगों की मानें तो किशनगंज के पैथोलॉजी लैब में आजकल डस्टबिन टेस्ट का प्रचलन काफी बढ़ गया है. इस जांच में मरीजों की परीक्षण किए बिना ही उन्हें रिपोर्ट दे दी जाती है. या फिर डॉक्टर मरीज का खून तो ले लेते हैं लेकिन, उसे डस्टबिन में डालकर मनमर्जी रिपोर्ट लिख देते हैं.

रिपोर्ट दिखाता बुजुर्ग मरीज का बेटा

डॉक्टर ने दिया था इस पैथोलॉजी लैब का पता
बुजुर्ग व्यक्ति के बेटे ने बताया कि उनके पिता को गॉलब्लैडर में पथरी की शिकायत थी. जिसके ऑपरेशन से पहले डॉक्टरों ने कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दी थी. लेकिन, डॉक्टर की सलाह पर वह जिस पैथ लैब में पहुंचे वहां उन्हें गलत रिपोर्ट दी गई.

जांच करते पैथोलॉजिस्ट

सिविल सर्जन ने दिया जांच का आश्वासन
जब गलत रिपोर्ट के मामले में पैथोलॉजिस्ट डॉ. अंजनी कौशल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव या नेगेटिव यह कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है. वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि यह संभव है कि बिना जांच के ही रिपोर्ट मरीज को दे दी गई हो. उन्होंने बताया कि ऐसे अवैध पैथोलॉजी लैबों पर नकेल कसने के लिए विशेष टीम का गठन किया जा रहा है. यह टीम जिले के सभी लैबों की जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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