किशनगंज:सीएम नीतीश कुमार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा होने के लाख दावे कर लें. लेकिन, सरकारी अस्पतालों, पीएचसी, हेल्थ सेंटर, लैब की असलियत किसी से छिपी नहीं है. जिस कारण बिहारवासियों को मजबूरन निजी अस्पतालों और परीक्षण केंद्रों की ओर रुख करना पड़ता है. इन लैब और अस्पतालों में मरीज को इलाज के नाम पर लूटा जाता है. अधिकतर लैब तो अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं.
जिले के नामी पैथोलॉजी लैब में कर्मचारियों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, लैब में खून जांच कराने गए बुजुर्ग को पैथोलॉजिस्ट ने गलत रिपोर्ट थमा दी. इस बात का खुलासा तब हुआ जब बुजुर्ग के परिजनों ने दूसरी जगह जांच कराई. इस घटना के बाद भी लैब के पैथोलॉजिस्ट अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हैं.
गलत रिपोर्ट थमाई
पैसे कमाने के चक्कर में जिले के एक निजी पैथोलॉजी लैब ने एक बुजुर्ग मरीज को गलत रिपोर्ट थमा दी. दरअसल, 65 वर्षीय हरी लाल दास निजी पैथोलॉजी में अपना ऑस्ट्रेलिया एंटीजेन जांच करवाने गए थे. लेकिन, पैथोलॉजिस्ट ने उन्हें हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव का रिपोर्ट थमा दिया. बुजुर्ग के परिजनों को जब इस रिपोर्ट पर भरोसा नहीं हुआ तो उन्होंने शहर के अन्य दो लैबों में फिर से जांच करवाया. वहां से मिली लैब रिपोर्ट में हेपेटाइटिस बी नेगेटिव सामने आया.